Earlier, time was spent idle; after joining the group, Nirmala of Amethi earned profit. – News18 हिंदी

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आदित्य कृष्ण/अमेठी: रोजगार सतत विकास का हिस्सा होता है. रोजगार के लिए इंसान दरबदर भटकता है लेकिन उसके बाद भी उसे रोजगार नहीं मिलता तो वह हार जाता है. लेकिन खुद का रोजगार स्थापित कर आगे बढ़ जाना कहीं ना कहीं अपने आप में एक बड़ी सफलता होती है. अमेठी में एक महिला ने कुछ ऐसा ही किया है. पहले महिला बेरोजगार बैठी रहती थी लेकिन गांव की एक महिला ने जब उसे समूह में जोड़ने का आईडिया दिया तो महिला ने समूह में अपनी किस्मत आजमानी चाहिए और आज समूह ने महिला की किस्मत को बदल दिया है. महिला न सिर्फ खुद रोजगार से जुड़ी है बल्कि अन्य महिलाओं को भी रोजगार मुहैया कराने में अहम भूमिका निभाई जा रही है.

हम बात कर रहे हैं अमेठी जिले के गौरीगंज तहसील की रहने वाली निर्मला देवी की. जो मां लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हैं जिसमें करीब 12 महिलाएं उनके साथ काम कर रही हैं. अलग-अलग महिलाएं अलग-अलग सामान तैयार करती हैं. हालांकि निर्मला वर्तमान समय में मूंज के बने प्रोडक्ट को तैयार कर रही हैं. इसे तैयार करने के साथ-साथ उन्होंने इसे बाजार में बेचने के लिए अपने खरीदारों को भी चिन्हित किया हुआ है जो सामान तैयार होने के बाद बने हुए सामान उनसे खरीद कर ले जाते हैं और उसके बदले उन्हें पैसे देते हैं.

इन सामानों को तैयार करती है निर्मला
मूंज के सामानों में निर्मला देवी पर्स, हैंडबैग, टोकरी, दरी, कुर्सी, मेज, बॉक्स, रोटी के डब्बे और अन्य सामान तैयार करती हैं. इन सामानों के अलग-अलग दम है. कोई सामान 100 से 150 रुपए का बिकता है तो कोई सामान 500 ₹600 तक का बिक जाता है/ ऐसे में इन सामानों पर बिक्री के बाद हजार से 2 हजारका फायदा निर्मला देवी को होता है.

मिला रोजगार नहीं होती पैसों की तंगी
निर्मला देवी ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि पहले समूह में जब यह नहीं थी तो पैसों की दिक्कतें थीं कोई काम नहीं था. घर पर सारा समय खाली बीत जाता था लेकिन समूह में जुड़ने के बाद उन्हें फायदा हो रहा है. समूह में उन्होंने सीसीएल कराया अन्य महिलाओं को जोड़ा और आज समूह की ही पैसे से उन्होंने गाय खरीदी है और उसके दूध से भी उन्हें आमदनी हो रही है.

Tags: Amethi news, Local18, Success Story

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