Broken sleep associated with heart attack increase risk of bad cholesterol know how to prevent from cardiovascular disease

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हाइलाइट्स

जिस व्यक्ति में ब्रोकन स्लिप यानी नींद बार-बार टूट जाती थी, उनके आर्टरी कैल्शियम और प्लैक का डिपोजिशन ज्यादा था.
हर रात एक ही समय के करीब सोना दिल से संबंधित बीमारियों को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.

Broken Sleep increase cholesterol: नींद हमारे जीवन के कई चीजों पर असर डालती है. कहा जाता है कि अच्छी नींद सेहत के लिए वरदान है लेकिन अगर नींद में खलल पड़ती है तो शरीर में कई तरह के विरोधाभासी हार्मोन ज्यादा बनने लगते हैं और इससे बॉडी के अंगों के कामकाज पर असर पड़ता है. इससे पहले के कई अध्ययनों में भी दावा किया गया है कि नींद कम होने का सीधा असर हार्ट और ब्लड शुगर पर पड़ता है. यानी अगर आपकी नींद पूरी नहीं हुई तो आप हार्ट के मरीज हो जाएंगे और आपको डायबिटीज भी हो जाएगा. अब एक नई रिसर्च में दावा किया गया है कि सही तरीके से नींद नहीं लेने पर हार्ट डिजीज का खतरा कई गुना बढ़ जाएगा.

ग्लोबल डायबेट्स कम्युनिटी की वेबसाइट में अध्ययन के हवाले से दावा किया गया है कि नींद में बार-बार खलल हार्ट की बीमारी के जोखिम को कई गुना बढ़ा देता है. यह अध्ययन वेंडरविल्ट मेडिकल सेंटर के शोधकर्ताओं ने किया है.

एथेरोस्क्लेरोसिस की बीमारी का खतरे कई गुना ज्यादा
अध्ययन के आधार पर निष्कर्ष निकाला गया कि सोने के दौरान बार-बार नींद में खलल या नींद की अवधि में बहुत ज्यादा परिवर्तन एथेरोस्क्लेरोसिस की बीमारी के खतरे को कई गुना बढ़ा देता है. एथेरोस्क्लेरोसिस हार्ट की बीमारी है जिसमें धमनी की दीवाल में फैट, कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थ चिपकने लगता है. इससे धमनियां पतली हो जाती है. इसके परिणामस्वरूप हार्ट अटैक, स्ट्रोक और कार्डिएक अरेस्ट का खतरा बढ़ जाता है. यह अध्ययन करीब 2000 लोगों पर किया गया है. इसमें कई सप्ताह तक इन लोगों पर नजर रखी गई, इसके बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचा गया कि सोने के पैर्टन में बार-बार बदलाव और नींद में खलल हार्ट संबंधी गंभीर बीमारियों को जन्म देता है.



एक ही समय पर सोने से हार्ट होगा मजबूत

अध्ययन में पाया गया कि जिस व्यक्ति में ब्रोकन स्लिप यानी किसी न किसी वजह से नींद बार-बार टूट जाती थी, उनके कैरोटिड आर्टरी में कोरोनरी आर्टरी कैल्शियम और प्लैक का डिपोजिशन ज्यादा था. यानी धमनियों की दीवाल में चिपचिपा पदार्थ प्लैक ज्यादा चिपका हुआ था. वहीं जिन लोगों के स्लीपिंग पैटर्न में बहुत ज्यादा बाधाएं थीं उनके ब्लड वैसल्स काफी सख्त हो गए. शोध की प्रमुख लेखक डॉ. किल्सी फुल ने बताया कि अध्ययन के परिणाम से यह साबित होता है कि नियमित या आदतन नींद की अवधि को बनाए रखना, या हर रात एक ही समय के करीब सोना दिल से संबंधित बीमारियों को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. हालांकि इस अध्ययन में रात में शिफ्ट में काम करने वाले लोगों को शामिल नहीं किया गया. इन लोगों की नींद की अवधि बहुत कम होती है. ऐसे में माना जाता है कि इन्हें हार्ट से संबंधित बीमारियों का खतरा ज्यादा है.

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Tags: Health, Health tips, Heart attack, Lifestyle

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