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BDO Vs VDO Officer: आप लोगों ने BDO और VDO दोनों पदों के बार में सुना ही होगा. लेकिन इनमें से कई ऐसे लोग भी होंगे जो BDO और VDO को एक ही समझने की भूल कर देते हैं. दरअसल ये दोनों अलग-अलग पद होते हैं. इनका पावर, काम करने का तरीका, सैलरी और सेलेक्शन प्रोसेस भी एकदम अलग होता है. BDO जिसे ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर भी कहा जाता है. यह एक सिविल सेवा की नौकरी (Sarkari Naukri) है और हमारे समाज में एक अत्यधिक प्रतिष्ठित सरकारी नौकरी में से एक है. सरकारी सेवाओं में करियर के लिहाज BDO एक अच्छा विकल्प है. वहीं VDO जिसे विलेज डेवलपमेंट ऑफिसर या ग्राम विकास अधिकारी भी कहा जाता है. यह एक ग्रामीण क्षेत्रीय स्तर अधिकारी स्तर का पद होता है. लोकल लेवल पर इन पदों की काफी डिमांड रहती है. अगर आप भी BDO या VDO बनना चाहते हैं या बनने की इच्छा है, तो आपको इसके बारे में विस्तार से जानना चाहिए.

BDO और VDO में अंतर (Difference between BDO and VDO Officer)
BDO या प्रखंड विकास अधिकारी एक सरकारी सिविल अधिकारी होता है, जिसका कर्तव्य एक जिले में एक विशिष्ट ब्लॉक के विकास और बुनियादी ढांचे के विकास को सुनिश्चित करना होता है. BDO एक ऐसा अधिकारी होता है जो किसी ब्लॉक में किसी भी विकास और किसी परियोजना की पूर्ति के लिए जिम्मेदार होता है, यह एक अधिकारी होता है जो उस ब्लॉक में होने वाली सभी परियोजनाओं को पास करता है जैसे कि कोई भी व्यक्ति जो किसी ब्लॉक में कोई इंफ्रा प्रोजेक्ट विकसित करना चाहता है, तो उसे उस ब्लॉक के BDOअधिकारी से इंफ्रा प्रोजेक्ट के लिए मंजूरी लेनी होगी. साथ ही सरकार द्वारा यदि कोई विकास परियोजना की जाती है तो एक BDO अधिकारी की यह भी जिम्मेदारी होती है कि वह उस प्रखंड में उसे अच्छे से लागू करे. वहीं VDO या ग्राम विकास अधिकारी की बात करें, तो इनके ऊपर सरकारी परियोजनाओं को ग्राम पंचायत में लागू करवाने का होता है. VDO का काम बहुत ही जिम्मेदारी से भरा होता है. इनके ऊपर गांव की विकास और शिक्षा की जिम्मेदारी होती है. गांव के लिए कोई भी जरूरी कामों को करवाने के लिए VDO की जिम्मेदारी होती है. इसके अलावा सरकार की परियोजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुंचाना इनकी जिम्मेदारी होती है.

कैसे होता है BDO और VDO का चयन (BDO Officer and VDO Officer Selection Process) 
भारत में हर साल लाखों छात्र अपने राज्यों में राज्य PCS की परीक्षा देते हैं. उम्मीदवार PCS परीक्षा देकर और पास करके BDO अधिकारी बनते हैं. भारत में हर राज्य सरकार अपनी PCS परीक्षा आयोजित करती है. इस परीक्षा को क्रैक करना आसान नहीं है, इस परीक्षा को पास करने के लिए उम्मीदवारों को बहुत ज्ञान और तैयारी की आवश्यकता होती है क्योंकि यह राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है. वहीं VDO का चयन भी राज्यों के अधीन होता है. लेकिन इसकी चयन प्रक्रिया थोड़ी आसान होती है. VDO का चयन राज्य कर्मचारी चयन आयोग या राज्य कर्मचारी चयन बोर्ड के तहत किया जाता है. इसके चयन में केवल एक परीक्षा आयोजित की जाती है, जिसे पास करने वाले VDO या ग्राम विकास अधिकारी बनते हैं.

BDO और VDO बनने के लिए क्या है योग्यता (BDO Officer and VDO Officer Qualification)
उम्मीदवार जो BDO अधिकारी बनना चाहते हैं, उन्हें परीक्षा फॉर्म के लिए आवेदन करने से पहले योग्यता मानदंडों को पूरा करना होगा. इसके लिए उम्मीदवारों को किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या संस्थान से किसी भी स्ट्रीम में ग्रेजुएट होना चाहिए. वहीं VDO या ग्राम विकास अधिकारी बनने के लिए उम्मीदवारों को किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से किसी भी स्ट्रीम में 60% अंकों के साथ कक्षा 12वीं पास होना चाहिए. साथ ही कंप्यूटर कोर्स डिप्लोमा भी होना चाहिए.

क्या होती है BDO और VDO की सैलरी (BDO Officer and VDO Officer Salary)
प्रखंड विकास अधिकारी (BDO) का वेतन एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में अलग-अलग होता है. हालांकि, वेतनमान के अनुसार भारत में एक BDO का औसत वेतन 9,300 रुपये से 34,800 रुपये प्रति माह है. BDO का ग्रेड पे 4800 रुपये को होता है. वहीं VDO के पदों पर चयन होने वाले उम्मीदवारों को 7वें वेतन आयोग के मैट्रिक्स लेवल- 6 के तहत मूल वेतन 20,800 रुपये दिए जाते हैं. इनका ग्रेड पे 2,400 रुपये का होता है.

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