Anti Malaria Tablets Safe Or Unsafe Know Fact From Gangaram Hospital Doctor Soniya Rawat malaria ki dawa in hindi

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हाइलाइट्स

पैरासाइट से संक्रमित मच्छर के काटने से मलेरिया होता है.
मलेरिया से संक्रमित होने पर हीमोग्लोबिन कम हो सकता है.

Malaria Symptoms & Prevention: उत्तर भारत में इस वक्त तापमान बढ़ना शुरू हो गया है और तेजी से मच्छरों का प्रकोप बढ़ रहा है. हाल ही में कुछ राज्यों में हल्की बारिश देखने को मिली, जिससे मच्छरों के पनपने का खतरा और ज्यादा बढ़ गया है. मच्छरों के काटने से डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया समेत कई बीमारियां हो सकती हैं. इनमें से मलेरिया का प्रकोप इस वक्त ज्यादा नजर आ रहा है. तमाम लोग मलेरिया की चपेट में आकर बीमार हो रहे हैं. तमाम लोग ऐसे होते हैं, जो डॉक्टर की सलाह के बिना घर पर ही बुखार की दवा लेना शुरू कर देते हैं, लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए. खुद से इलाज करना जानलेवा साबित हो सकता है. आज डॉक्टर से जानेंगे कि मलेरिया होने पर किन दवाओं को लेना सुरक्षित हो सकता है और इसका सही इलाज क्या है.

नई दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल के प्रिवेंटिव हेल्थ डिपार्टमेंट की डायरेक्टर डॉक्टर सोनिया रावत कहती हैं कि मलेरिया एक पैरासाइटिक इंफेक्शन है. यह फीमेल एनाफिलीज मच्छर के काटने से होता है. मच्छर काटने के बाद पैरासाइट लिवर में पहुंच जाता है और जब यह ब्लड स्ट्रीम में पहुंचता है, तब लोगों को बुखार आना शुरू हो जाता है. मलेरिया से संक्रमित व्यक्ति को ठंड के साथ बुखार आता है. तेज सिरदर्द, शरीर में दर्द, सांस लेने में दिक्कत, उल्टी आना, खांसी, डायरिया और हार्ट रेट बढ़ना मलेरिया के कॉमन लक्षण होते हैं. मलेरिया बुजुर्ग, बच्चों और गंभीर बीमारी से जूझ रहे लोगों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है. ऐसे में किसी तरह की लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए.

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मलेरिया में कौन सी दवा लेना सुरक्षित?

डॉक्टर सोनिया रावत के अनुसार मलेरिया की वजह से बुखार आने पर पैरासिटामोल टेबलेट ही लेनी चाहिए. मलेरिया के मरीजों को एंटीबायोटिक नहीं लेनी चाहिए. अगर आपको मलेरिया के लक्षण नजर आ रहे हैं, तो डॉक्टर से मिलकर ब्लड टेस्ट कराना चाहिए. अगर टेस्ट में मलेरिया पॉजिटिव आए, तो डॉक्टर आपको एंटी-मलेरिया ड्रग देते हैं. आजकल कई तरह की एंटी-मलेरिया दवाएं उपलब्ध हैं, जिन्हें मरीजों की कंडीशन के आधार पर दिया जाता है. खुद से एंटी मलेरिया दवाएं नहीं लेनी चाहिए. ऐसा करने से आपको गंभीर साइड इफेक्ट्स का सामना करना पड़ सकता है.

मलेरिया से कैसे करें बचाव?

डॉक्टर की मानें तो मलेरिया संक्रमित मच्छर के काटने से लोगों में फैलता है. इसके अलावा ब्लड ट्रांसफ्यूजन, संक्रमित व्यक्ति की सिरिंज लगने और प्रेग्नेंसी में मां से बच्चे में पहुंच सकता है. मलेरिया का संक्रमण होने से मरीज का प्लेटलेट काउंट कम हो सकता है. इसके अलावा हीमोग्लोबिन और शुगर लेवल में भी कम देखने को मिल सकती है. मलेरिया से बचने के लिए अपने घर में पानी इकट्ठा न होने दें और मच्छरों से बचने की हर संभव कोशिश करें. बुजुर्गों और बच्चों का खास ख्याल रखें और किसी तरह की परेशानी होने पर डॉक्टर से संपर्क करें.

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Tags: Fever, Health, Lifestyle, Malaria, Trending news

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