15 साल की उम्र में पिता को खोया, 10X10 की दुकान में बेचे बल्‍ब-पंखे, अब इस सेठ का 43 देशों में फैला है कारोबार

[ad_1]

हाइलाइट्स

पॉलीकैब इंडिया का बाजार पूंजीकरण 75,000 करोड़ के करीब है.
इंदर जयसिंघानी की नेटवर्थ आज 50 हजार करोड़ रुपये से ज्‍यादा है.
इंदर जयसिंघानी का बचपन काफी संघर्षों में बीता.

नई दिल्‍ली. भारत में बहुत से लोगों ने अत्‍यंत गरीबी से उठकर बिजनेस जगत में अपनी मेहनत और लग्‍न से एक अलग मुकाम हासिल किया है. ऐसी ही एक शख्सियत हैं पॉलीकैब इंडिया के फाउंडर व एमडी, इंदर जयसिंघानी (Inder Jaisinghani). 15 साल की उम्र में पिता का साया सिर से उठने के बाद कभी मुंबई की लोहार चाल में एक छोटे से इलेक्ट्रिक स्‍टोर में पंखे और बल्‍ब बेचने वाले इंदर का कारोबार आज 43 देशों में फैला हुआ है. पॉलीकैब इंडिया आज तारें और केबल बनाने वाली भारत की अग्रणी कंपनी है. फोर्ब्स इंडिया ने 2023 की 100 सबसे अमीर भारतीयों की सूची में इंदर जयसिंघानी को 32वें स्थान पर रखा.

पॉलीकैब इंडिया का बाजार पूंजीकरण 75,000 करोड़ के करीब है. चार दशक पहले दिन भर में 50 रुपये भी मुश्किल से कमाने वाले इंदर जयसिंघानी की नेटवर्थ आज 50 हजार करोड़ रुपये (Inder Jaisinghani Net worth) से ज्‍यादा है. इंदर जयसिंघानी का बचपन काफी संघर्षों में बीता. 1968 में जब वे केवल 15 साल के थे, तब उनके पिता की मौत हो गई. पिता की मौत के बाद उनकी मां ने उनका स्‍कूल छुड़वाकर उन्‍हें पिता की दुकान संभालने लगा दिया. इंदर ने छोटी सी दुकान अच्‍छे से संभाली. कुछ समय बाद उन्‍होंने अपने भाईयों को भी दुकान में काम में लगा लिया.

ये भी पढ़ें-  एक सीन देख चकनाचूर हुआ दिल, नौकरी छोड़ शुरू कर ली अपनी कंपनी, अब वैल्यूएशन सरकारी फर्म BHEL से भी ज्यादा

तारों की समझ ने बदली तकदीर
इंदर जयसिंघानी को अपनी दुकान पर काम करते हुए बिजली के तारों की अच्‍छी समझ हो गई. वे समझ गए कि अगर वे तारें बनाने शुरू करें तो उन्‍हें अच्‍छी कमाई हो सकती है. शुरुआत में उन्‍होंने एक छोटे से गैराज में तारें बनानी शुरू की. इंदर और उनके भाइयों ने इस काम में खूब मेहनत की. लोकल मार्केट में जल्‍द ही उनका नाम हो गया.

1983 में शुरू की पॉलीकैब
अच्‍छी मेहनत से काम चल निकला तो जयसिंघानी ने गुजरात में अपनी प्रोडक्‍शन यूनिट स्‍थापित कर ली. सबसे पहले, पॉलीकैब ने गुजरात में PVC इंस्यूलेटेड तारों और केबल की मैन्युफैक्चरिंग और प्रोसेसिंग का काम शुरू किया. इंदर जयसिंघानी के भाई प्रोडक्‍शन का काम देखते थे. वहीं, इंदर सेल्‍स और मार्केटिंग संभालते थे. कुछ सालों में ही उनका कारोबार अच्‍छा चल पड़ा. अपनी फैक्ट्री में तार और केबल के साथ तारों, पावर केबल, कंट्रोल केबल, बिल्डिंग केबल और कम्युनिकेशन केबल का निर्माण भी शुरू किया. वे अंतरराष्ट्रीय मापदंडों के मुताबिक तारें और केबल बनाने लगे. उन्होंने कुछ ग्राहकों के लिए उनकी जरूरतों के आधार पर कस्टमाइज्ड प्रोडक्ट्स भी बनाए.

2008 में मिला बड़ा निवेश
पॉलीकैब के लिए साल 2008 अनेक अवसर लेकर आया. इस साल कंपनी को वर्ल्‍ड बैंक की प्राइवेट इक्विटी शाखा इंटरनेशनल फाइनेंस कॉर्पोरेशन से निवेश हासिल हुआ. 2014 में कंपनी ने अपने प्रोडक्‍ट पोर्टफोलियो में एलईडी लाइट्स, स्विच और इलेक्ट्रिक पंखों को शामिल किया. 2019 में इंदर जयसिंघानी ने पॉलीकैब को शेयर बाजार में सूचीबद्ध कराया. साल 2021 में इंदर जयसिंघानी का नाम फोर्ब्‍स की भारतीय अरबपतियों की लिस्‍ट में शामिल हुआ.

Tags: Business news in hindi, Inspiring story, Success Story, Successful business leaders

[ad_2]

Source link