सामने आया अमृतपाल के सरेंडर प्लान का कच्चा चिट्ठा, बैसाखी समागम को लेकर बना रहा है बड़ी योजना

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चंडीगढ़. भगोड़े अमृतपाल का प्लान ‘ए फेल होने के बाद अब होने के बाद अब वह प्लान B भी का इस्तेमाल कर सकता है. ऐसी जानकारी मिली है कि अमृतपाल अब बैसाखी के समागम में सरेंडर कर सकता है. दरअसल श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरपीत सिंह ने पंजाब के तलवंडी साबो में बुद्धिजीवियों, सिख पंथ और पत्रकारों के बीच हुई विशेष बैठक आयोजन किया था, जिसे गुरमति समागम कहते हैं. इस गुरमति समागम में सिखों के अलग-अलग मसलों के साथ-साथ पंजाबी पत्रकारिता पर चर्चा हुई और उसके बाद जत्थेदार ज्ञानी हरपीत सिंह ने अमृतपाल को लेकर कहा कि उसे सरेंडर कर देना चाहिए.

अब देखना यह होगा कि अमृतपाल ने जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह से जो अपील की थी कि वह सरबत खालसा बुलाएं उसको लेकर अब विराम लग चुका है. प्लेन ए के तहत अमृतपाल इस गुरमति समागम के दौरान ही सरेंडर करने की तैयारी कर रहा है, ताकि वो सिखों के बीच खुद को क्रांतिकारी साबित कर सके और भगोड़े के तौर पर खराब हुई अपनी छवि सुधार सके. पंजाब पुलिस लगभग 20 दिन से अमृतपाल की तलाश कर रही है और वह अमृतपाल के आए पिछले वीडियो की जानकारी खंगाल रही है पुलिस उसकी पल-पल की गतिविधियों पर नजर रखे हुए है. अब अमृतपाल अपने सरेंडर के लिए प्लान बी की योजना बना रहा है.

क्या है अमृतपाल के सरेंडर का प्लान ‘बी’
11 तारीख से लेकर 14 तारीख तक पंजाब में बैसाखी मनाई जाती है और बैसाखी सिखों का बड़ा त्योहार है. बैसाखी पर सिखों के पांचों तख्त में एक से बढ़ कर एक धार्मिक समागमों का आयोजन होता है. ऐसे में अमृतपाल इन्हीं पांच तख्तों में से किसी एक में बैसाखी के दौरान सरेंडर करना चाहता है. इनमें श्री अकाल तख्त साहिब, तख्त श्री दमदमा साहिब, तलवंडी साबो या तख्त श्री केसगढ़ साहिब, आनंदपुर साहिब और पटना साहिब शामिल हैं. पटना साहिब तो खैर पंजाब से बाहर बिहार में है. ऐसे में वहां तक पहुंचना तो खैर अमृतपाल के लिए ज्यादा मुश्किल है, लेकिन सूत्रों की मानें तो वो पंजाब में मौजूद बाकी के चार तख्त में से किसी एक में खुद को सरेंडर कर सकता है और इसके लिए वो जत्थेदारों से लगातार संपर्क करने की कोशिश कर रहा है. ताकि उसे सरेंडर का मौका मिल सके. लेकिन पंजाब पुलिस किसी भी हालत में ऐसा नहीं होने देना चाहती है और इसके लिए उसने पूरे पंजाब भर में तैयारियां भी की हैं.

पंजाब पुलिस समेत तमाम एजेंसियों के मिलकर भगोड़े अमृतपाल सिंह ढूंढने में लगी हुई है लेकिन अमृतपाल अपने आपको सरेंडर के लिए जगह तलाश कर रहा है. पुलिस, सुरक्षा एजेंसियों या कोर्ट के सामने सरेंडर करने की बजाय सिखों के किसी बड़े धार्मिक स्थल या समागम के बीच खुद को कानून के हवाले करना चाहता है, ताकि सिखों के बीच वो अपनी छवि चमका सके और खुद को बड़े खालिस्तानी लीडर के तौर पर स्थापित कर सके. सूत्रों की मानें तो अमृतपाल ने सरेंडर करने के लिए दो प्लान तैयार किए हैं. प्लान ए और प्लान बी. ताकि अगर प्लान ए फेल भी हो जाए, तो प्लान बी के सहारे पुलिस के साथ चल रहे लुकाछिपी के खेल को मुकाम तक पहुंचाया जा सके, जहां उसकी कम से कम थोड़ी बहुत इज्जत तो बनी रहे.

अमृतपाल के इस प्लान ए और प्लान बी की बात करेंगे, साथ ही उसके सरेंडर का पूरा ब्लू प्रिंट भी समझेंगे, सबसे पहले उसके सरेंडर की उस तैयारी को समझते हैं, जो ना सिर्फ फेल हो गई, बल्कि जिसकी वजह से उसके सरेंडर की ये खुफिया तैयारी भी काफी हद तक बेनकाब हो गई.

होशियारपुर के गुरुद्वारे में छुपा था अमृतपाल
7 मार्च को पंजाब पुलिस को एक गुप्त सूचना के जरिए अमृतपाल के सरेंडर की ये साजिश बेनकाब हुई. पंजाब पुलिस को अमृतपाल और उसके साथ पप्पलपीत के होशियारपुर जिले के एक गुरुद्वारे में छिपे होने की खबर मिली थी. सूत्रों ने पुलिस को बताया कि दोनों होशियारपुर जिले के नडालों गांव में मौजूद गुरुद्वारा जन्मस्थान संत बाबा निधान सिंह में छुपे हैं. अगले ही दिन यानी 28 मार्च को दोनों के यहां से आगे निकल जाने की खबर भी थी. ऐसे में पुलिस ने फौरन नडालों गांव के इस गुरुद्वारे में तलाशी का फैसला किया. लेकिन इससे पहले कि पुलिस वहां पहुंचती, दोनों गुरुद्वारा परिसर में बने कमरों को छोड़ कर फरार हो चुके थे.

पुलिस के सामने आई नई कहानी
हालांकि यहां छानबीन के दौरान पुलिस को एक नई कहानी पता चली. पुलिस को जानकारी मिली कि गुरुद्वारा जन्मस्थान संत बाबा निधान सिंह के जत्थेदार गुरमीत सिंह ठीक उन्हीं दिनों में अमृतसर के लिए रवाना हो गए थे, जिन दिनों में अमृतपाल और पप्पलपीत वहां छुपने के लिए पहुंचे थे. असल में अमृतपाल के साथ इस गुरुद्वारे के जत्थेदार गुरमीत सिंह की पुरानी जान पहचान है. जत्थेदार गुरमीत सिंह, अमृतपाल के कहे मुताबिक ही अमृतसर में अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह से मिलने के लिए पहुंचे थे, ताकि उन्हें अकाल तख्त साहिब में अमृतपाल के सरेंडर के लिए राजी करवा सकें. लेकिन ऐसा हो नहीं सका और पुलिस को पहले ही खबर मिल गई. जिसके बाद अमृतपाल को ना सिर्फ होशियारपुर का ये गुरुद्वारा छोड़ना पड़ा, बल्कि अकाल तख्त साहिब में अपने सरेंडर के प्लान को भी कैंसल करना पड़ा.

उधर, अमृतपाल की इन्हीं तैयारियों को देखते हुए पंजाब पुलिस ने अमृतसर के हरमंदिर साहिब और अकाल तख्त साहिब के इर्द-गिर्द पुलिस का जबरदस्त घेरा लगा दिया, ताकि वो किसी भी कीमत पर इन पवित्र धार्मिक जगहों का इस्तेमाल अपने नापाक इरादों के लिए ना कर सके.

गुरुद्वारे को बनाया था सरेंडर का लॉन्चिंग पैड
अमृतपाल ने होशियारपुर के नडालों गांव के गुरुद्वारा जन्मस्थान संत बाबा निधान सिंह को ही अपने सरेंडर के लॉन्चिंग पैड के तौर पर इसलिए चुना था, क्योंकि वो इस गुरुद्वारे में पहले भी ना सिर्फ कई बार आ चुका था, बल्कि गुरुद्वारे के जत्थेदार समेत तमाम पदाधिकारियों के साथ उसकी पुरानी मुलाकात भी थी. चार फरवरी को जब इस गुरुद्वारे ने बाबा संत निधान सिंह की जयंती का आयोजन किया था, तब भी उन्होंने अमृतपाल को यहां खास मेहमान के तौर पर बुलाया था. अमृतपाल और उसके साथियों ने अपनी फरारी के दौरान पीलीभीत के जिस गुरुद्वारे में शरण ली थी, वो भी इसी लंगर साहिब गुरुद्वारा की एक शाखा है.

अमृतपाल की फॉरवर्ड प्लानिंग के बारे में बताते हैं, जिसके तहत वो सरेंडर की दो प्लानिंग बना कर चल रहा है.

हर हाल में सरेंडर करना चाहता है अमृतपाल
वैसे भी सूत्रों की मानें तो पिछले 20 दिनों से लगातार पुलिस से भाग-भाग कर अब अमृतपाल भी थक चुका है. ऊपर से उसके घरवाले अपने बेटे के एनकाउंटर का डर भी जता चुके हैं. ऐसे में पुलिस का खौफ भी उसका पीछा कर रहा है. और अब अमृतपाल हर हाल में सरेंडर करना चाहता है, क्योंकि अब उसके पास कोई और विकल्प नहीं है.

भगोड़ा अमृतपाल सिंह बेशक सरेंडर के लिए मौके की तलाश में हो, लेकिन पंजाब पुलिस उसकी गिरफ्तारी करना चाहती है. पंजाब पुलिस ने गुरुवार को कुछ इसी इरादे से पंजाब के डेढ़ सौ से ज्यादा बस स्टैंड पर ना सिर्फ एक महातलाशी अभियान चलाया, बल्कि पांच हजार से ज्यादा पुलिसवालों ने पाकिस्तान से लगते पंजाब के सीमावर्ती गांवों में अमृतपाल की तलाश में सर्चिंग की. ताकि अगर कहीं वो बॉर्डर पार कर पाकिस्तान भागने की कोशिश करे, तो उसे पहले ही दबोचा जा सके. पुलिस ने अटारी, अजनाला, रमदास, बाबा बकाला, खेमकरन, पट्टी, भिखीविंड, खासा जैसी जगहों में जबरदस्त नाकेबंदी की है.

अमृतपाल के हौसले पस्त
सूत्रों के मुताबिक पंजाब पुलिस को अमृतपाल के बस के जरिए एक ठिकाने से दूसरे ठिकाने तक फरार होने की खबर मिली थी. ऐसे में पुलिस की नजर पंजाब की बसों पर थी, ताकि अगर कहीं अमृतपाल नजर आए, तो उसे घेरा जा सके. वैसे भी पिछले 20 दिनों से लगातार भाग रहे अमृतपाल के हौसले अब पस्त होने लगे हैं. उसके नजदीकियों और मददगारों पर लगातार पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है. यहां तक कि कल तक जो लोग सोशल मीडिया में अमृतपाल को सपोर्ट कर रहे थे, पुलिस की सख्ती के बाद अब वो भी धीरे-धीरे बिलों में समाने लगे हैं.

बसों की तलाशी, यात्रियों से पूछताछ कर रहे हैं और
पुलिस ने ऐसे कई लोगों को थानों में बुलाकर पूछताछ की है. लिहाजा सपोर्ट की कमी से अमृतपाल के लिए अब भागना मुश्किल हो रहा है. ऐसे में पुलिस को लगता है कि अब किसी प्राइवेट व्हीकल की जगह अमृतपाल पब्लिक टांसपोर्ट का इस्तेमाल कर सकता है. पुलिस ने कुछ इसी खबर के मद्देजनर गुरुवार को बस स्टैंड्स में भी तलाशी अभियान चलाया और करीब दो हजार से ज्यादा लोगों की तलाशी ली. उनसे पूछताछ भी की गई.

अमृतपाल और पप्पलप्रीत अब अलग-अलग हो चुके हैं
इस बीच पुलिस को खबर मिली है कि अब इस रेस में अमृतपाल का साथी पप्पलप्रीत भी उससे अलग चुका है. इससे पहले पप्पलप्रीत अमृतपाल के साथ साये की तरह चल रहा था. दोनों की कई तस्वीरें, सीसीटीवी फुटेज भी सामने आई थी. लेकिन अब पिछले तीन-चार दिनों से दोनों की एक साथ कोई भी तस्वीर सामने नहीं आई है. ऊपर से पुलिस के सूत्र भी इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि अब अमृतपाल और पप्पलप्रीत अलग-अलग दिशाओं में हैं. आखिरी बार अमृतपाल ने जब अपने ड्राइवर जोगा सिंह को अपना मोबाइल फोन दे कर भागने को कहा था, तब पप्पलप्रीत भी जोगा सिंह के साथ था. लेकिन अमृतपाल दूसरी तरफ गया था. ऐसे में फिलहाल दोनों के दोबारा साथ आने की खबर नहीं है.

पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने अमृतपाल के वकील इमान सिंह खारा को तब जोर की फटकार लगाई, जब वो अमृतपाल के एक समर्थक बाजेके समेत पांच लोगों के बारे में हाई कोर्ट में हैबियस कॉरपस की सुनवाई के लिए पहुंचे थे. असल में बाजेके और बाकी पांच साथियों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार असम की जेल में बंद कर चुकी है और ये एक खुली सच्चाई है. इसके बावजूद उन्हें लेकर दाखिल की गई अमृतपाल के वकील की इस याचिका ने अदालत को नाराज कर दिया. हाई कोर्ट ने पूछा कि क्या उन्हें कानून की सामान्य जानकारी भी नहीं है. जिन लोगों को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है, उनके लिए वो हैबियस कॉरपस यानी बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका कैसे लगा सकते हैं. तो वहीं आज हुए तलवंडी साबो के समागम में भी श्री अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह भी कह चुके हैं कि अमृतपाल को सरेंडर करना चाहिए.

Tags: Amritpal Singh, Khalistan

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