मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जीवनी का लोकार्पण करेंगे लालू प्रसाद यादव

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जीवनी ‘नीतीश कुमार : अंतरंग दोस्तों की नज़र से’ राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित हुई है. इसे नीतीश कुमार के मित्र उदय कांत ने लिखा है. पुस्तक का लोकार्पण लालू प्रसाद यादव करेंगे. इस अवसर पर बिहार विधान परिषद के सभापति देवेश चन्द्र ठाकुर, पूर्व सांसद जाबिर हुसैन, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी पोलित ब्यूरो सदस्य सुभाषिनी अली की विशिष्ट उपस्थिति रहेगी.

नीतीश कुमार की जीवनी के लेखक उदय कांत का कहना है कि जब हम किसी चर्चित जननेता की जीवनी पढ़ते हैं तो उसमें ज्यादातर उनके राजनीतिक सफर की चर्चा होती है. लेकिन उससे हम उन लोगों, परिस्थितियों और उस मानसिकता के बारे में बहुत कम जान पाते हैं जिनके कारण वे आज किसी ऊंचाई पर पहुंच सके हैं. उन्होंने कहा कि इस मामले में नीतीश कुमार की जीवनी का सुर कुछ अलहदा है. एक कस्बे के कूचे से शुरु हुआ नीतीश कुमार की ज़िन्दगीनामा, गर्दिश की गलियों से गुजर कर उनके आज के मुकाम तक पहुंचने में उनके संघर्षों की कहानी तो कहता ही है, साथ ही उनके व्यक्तिगत, पारिवारिक और राजनीतिक परिवेश के बारे में भी बहुत-सी ऐसी कहानियां सामने लाता है जिन पर वक्त के धूल की मोटी परत जम गई थी. यह एक ऐसी कहानी है जो सबको प्रेरणा देती है कि अगर आप पूरी ईमानदारी, लगन और सच्चाई के साथ अपने रास्ते पर बने रहते हैं तो बड़े से बड़ा मुकाम भी हासिल किया जा सकता है.

राजकमल प्रकाशन समूह के अध्यक्ष अशोक महेश्वरी ने कहा कि मुख्यमंत्री की यह जीवनी नीतीश कुमार के जीवन से जुड़े कई ऐसे अंतरंग पहलुओं को उजागर करती है.

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वर्तमान भारतीय राजनीति के चर्चित नाम नीतीश कुमार का जन्म 1 मार्च, 1951 को बिहार के बख्तियारपुर में हुआ था. उनके पिता, कविराज राम लखन एक आयुर्वेदिक वैद्य थे. वे स्वतंत्रता सेनानी भी थे, नीतीश कुमार का उपनाम ‘मुन्ना’ है. नीतीश आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बने हैं. वे बिहार के सबसे लंबे समय तक रहने वाले मुख्यमंत्री हैं.

नीतीश कुमार बिहार अभियांत्रिकी महाविद्यालय के छात्र रहे हैं. उन्होंने विद्युत अभियांत्रिकी में उपाधि हासिल की थी. वे पहली बार बिहार विधानसभा के लिए 1984 में चुने गये थे. 1987 में वे युवा लोकदल के अध्यक्ष बने. 1989 में उन्हें बिहार में जनता दल का सचिव चुना गया और उसी वर्ष वे नौंवी लोकसभा के सदस्य भी चुने गये थे.

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