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नई दिल्ली. लंबी दूरी तर मार करने वाले एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 मिसाइल के पहले दो स्क्वाड्रनों का संचालन करने के बाद भारतीय वायु सेना जल्द ही इसकी देश में पहली फायरिंग करने जा रही है. वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों ने इसको लेकर जानकारी साझा की है. उन्होंने बताया कि भारतीय बलों ने रूस में परीक्षण के दौरान रूसी मिसाइल सिस्टम को दागा था, लेकिन भारत में इसकी फायरिंग नहीं की जा सकी थी. यह लड़ाकू विमानों के साथ अन्य मिसाइलों को मार गिराने में सक्षम मानी जाती है.
S-400 मिसाइल सिस्टम भारतीय सीमा की सुरक्षा में सबसे आधुनिक हथियारों में से एक माना जा रहा है. रक्षा अधिकारियों ने यहां एएनआई को बताया, “तेजी से बढ़ते हवाई लक्ष्य के खिलाफ छोटी या मध्यम दूरी की मिसाइलों में से एक का उपयोग करके बहुत जल्द फायरिंग करने की योजना है. उन्होंने बताया कि वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली में अलग तरह की मिसाइलें थीं जो अधिकतम 400 किलोमीटर की दूरी पर तेजी से आगे बढ़ रहे लड़ाकू विमानों या क्रूज मिसाइलों को मार गिरा सकती हैं.
अलग अलग स्थानों पर तैनात है S-400
उन्होंने कहा कि भारत पहले ही दो मिसाइल सिस्टम स्क्वाड्रन को अलग अलग स्थानों पर सुरक्षा में तैनात कर चुका है. भारत ने पहले ही अपने पहले दो मिसाइल सिस्टम स्क्वाड्रन को अलग-अलग ऐसे स्थानों पर तैनात किया है, जहां से वे लद्दाख सेक्टर के साथ-साथ पश्चिम बंगाल के चिकन नेक कॉरिडोर को कवर कर सकते हैं. अधिकारियों ने बताया कि पहला स्क्वाड्रन पंजाब में तैनात किया गया है. यहां से यह पाकिस्तान की सीमा के साथ-साथ उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्रों को भी कवर कर सकेगा.
क्रूज मिसाइलों और लड़ाकू विमानों को बनाएगी निशाना
विभिन्न रेंज से लैस मिसाइलों की यह प्रणाली दुश्मन की बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों, लड़ाकू विमानों और 400 किलोमीटर तक की दूरी पर उड़ने वाले मानवरहित हवाई वाहनों का खात्मा कर सकती है. यह प्रणाली दुश्मन के लड़ाकू विमानों, मानव रहित हवाई वाहनों, बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों और क्रूज मिसाइलों को 400 किलोमीटर तक की दूरी से टारगेट कर सकती है. सूत्रों ने कहा कि भारत और रूस ने एस-400 वायु रक्षा मिसाइलों के पांच स्क्वाड्रन के लिए 35,000 करोड़ रुपये से अधिक के सौदे पर हस्ताक्षर किए हैं. सभी आपूर्ति 2023-24 के अंत तक पूरी होने की उम्मीद है.
रक्षा क्षेत्र में भारतीय क्षमता बढ़ी
भारतीय वायु सेना ने हाल के वर्षों में अपनी वायु रक्षा क्षमताओं में काफी सुधार किया है. एस-400 मिसाइल सिस्टम ने भी अभ्यास में भाग लिया है. सूत्रों के अनुसार, विरोधी इससे चिंतित हैं क्योंकि वे चीनी प्रणाली की तुलना में भारतीय प्रणाली की बेहतर क्षमताओं से अवगत हैं. वर्तमान में, चीन और भारत की एस -400 वायु रक्षा प्रणाली वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तैनात हैं.
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Tags: Indian air force, Indian army, New Delhi news, S-400 Missile System
FIRST PUBLISHED : April 04, 2023, 22:48 IST
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