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हाइलाइट्स
नीति आयोग की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नहीं जाने पर चिराग पासवान का हमला.
नई संसद के उद्घाटन का बहिष्कार करने को लेकर सीएम नीतीश पर चिराग पासवान का तंज.
पटना. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में दिल्ली में आयोजित नीति आयोग की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल नहीं हुए. इसको लेकर लोक जन शक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने सीएम नीतीश अपने निशाने पर लिया है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का विरोध करते-करते अब मुख्यमंत्री बिहार और बिहारियों का विरोध करने लगे हैं. चिराग ने नई संसद के उद्घाटन के मौके पर भी सीएम नीतीश के नहीं जाने को लेकर तंज कसा है.
चिराग पासवान ने पटना में मीडिया से बात करते हुए कहा नीति आयोग की एक महत्वपूर्ण बैठक जहां पर जाकर मुख्यमंत्री बिहार और बिहारियों के लिए तमाम तरीके की सुविधाओं और व्यवस्थाओं के वंचित किया है. उन्हें नीति आयोग की बैठक में जाकर केंद्र सरकार और बिहार सरकार के तालमेल को लेकर तमाम तरीके के प्रस्तावों को वहां पर रखना चाहिए था. बार-बार मुख्यमंत्री चुनाव जब भी आते हैं तब-तब विशेष राज्य के दर्जे का झुनझुना दिखाते हैं. नीति आयोग एक अधिकृत मंच है जहां नीतीश कुमार विशेष राज्य के दर्जे की मांग कर सकते थे, पर इतनी महत्वपूर्ण बैठक का बहिष्कार करने की एक परंपरा शुरू हो गई है, जो भारतीय लोकतंत्र के लिए कहीं से उचित नहीं है.
लोजपा प्रमुख ने कहा, भारतीय लोकतंत्र की खूबसूरती ही यही है कि सत्ता पक्ष और विपक्ष तमाम मतभेदों के बावजूद जब देश और प्रदेश की बात आती है तो एक साथ और एक मंच पर आकर चर्चा करते हैं. नीति आयोग की बैठक भी एक ऐसा ही मंच है जहां पर आप आकर चर्चा कर सकते हैं, विचार विमर्श कर सकते हैं. अपने मतभेद होने के बावजूद प्रदेश के हित को लेकर बात रख सकते हैं. लेकिन, ऐसी बैठक का बहिष्कार करना दिखाता है कि मुख्यमंत्री सिर्फ व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं को प्राथमिकता देते हैं.
आपके शहर से (पटना)
चिराग पासवान ने आगे कहा कि अगर उनका व्यक्तिगत द्वेष किसी से है तो वह इतना बड़ा हो जाता है कि बिहार और बिहारियों के सरोकार के लिए भी ऐसी बैठक में जाना जरूरी नहीं समझते हैं. लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) पूरी तरह से इस फैसले की निंदा करती है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस बैठक में नहीं जाने को लेकर इस बैठक में जाने से बिहार और बिहारियों को कई लाभ मिल सकते थे, जिसको कि मुख्यमंत्री ने अपनी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं की भेंट चढ़ा दी है.
नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार तमाम विपक्षी दल कर रही है. इसको लेकर चिराग पासवान ने कहा कि इस बात का बहिष्कार कर रहे हैं और यह बहस ही क्यों हो रही है. एक नए पड़ाव की ओर भारतीय राजनीति बढ़ने का काम कर रही है. भारत को एक नई संसद में ले जा रही है. लंबे समय से इसकी मांग की जा रही थी और यह मांग भाजपा या एनडीए नहीं कर रही थी. मैं भी दूसरी बार सांसद बना हूं और 2014 में भी मांग उठ रही थी.
चिराग ने कहा, मेरे पिताजी (राम विलास पासवान) से प्रधानमंत्री के साथ बतौर केंद्रीय मंत्री काम कर चुके हैं और उस वक्त भी यह मांग उठ रही थी. यूपीए की सरकार में भी है मांग उठी थी कि मौजूदा संसद में संभव नहीं है. आधुनिक प्रणालियों को धरातल पर उतारना है ऐसे में एक नई संसद की जरूरत थी और इसके बाद आप आज विरोध कर रहे हैं. जब नई संसद आपको मिलने जा रही है एक आधुनिक तौर-तरीके से नई भारत को नई संसद जब मिलने जा रही है तो फिर विरोध क्यों कर रहे हैं. आप व्यक्ति विशेष का विरोध करते-करते संस्थाओं का भी विरोध करने लग जाते हैं.
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FIRST PUBLISHED : May 27, 2023, 15:54 IST
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