बंगाल में रामनवमी पर बवाल, ह‍िंसा की जांच करेगी NIA, SC का कलकत्‍ता HC के आदेश पर रोक लगाने से इनकार, याच‍िका खार‍िज

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हाइलाइट्स

पश्‍च‍िम बंगाल के 6 अलग-अलग थानों में दर्ज करवाई गई थीं एफआईआर
30 मार्च को रामनवमी पर शोभा यात्रा व जुलूस न‍िकालने पर हुआ था बवाल
हुगली के रिशरा, हावड़ा के शिबपुर और दक्षिण दिनाजपुर के दलखोला में हुई थीं हिंसक-झड़प

नई द‍िल्‍ली. पश्‍च‍िम बंगाल (West Bengal) के हावड़ा में रामनवमी के द‍िन न‍िकाले गए जुलूसों व शोभा यात्रा के दौरान दो ग्रुपों में ह‍िंसक झड़प हुई थीं. पश्‍च‍िम बंगाल के अलग-अलग ज‍िलों के थानांतर्गत कई और जगहों पर भी हिंसा और झड़पें हुई थीं ज‍िसमें बड़ी संख्‍या में लोग भी घायल हुए थे. रामनवमी ह‍िंसा से संबंध‍ित मामलों की सुनवाई करते हुए कलकत्‍ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) ने इसकी जांच का ज‍िम्‍मा राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंपने के आदेश द‍िए थे. इसको लेकर एनआईए ने 6 एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की तो पश्‍च‍िम बंगाल सरकार NIA जांच के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई थी. ज‍िस पर सोमवार को सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने इस याच‍िका को खारिज कर द‍िया है.

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रामनवमी हिंसा से संबंधित मामलों की जांच हाईकोर्ट द्वारा NIA को दिए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट से राज्‍य सरकार को करारा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट में एनआईए के ख‍िलाफ दायर याच‍िका को खार‍िज करने के बाद अब साफ हो गया है क‍ि मामले की जांच NIA ही करेगी. सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश में दखल देने से भी इनकार कर द‍िया है. बताते चलें क‍ि 30 मार्च से 3 अप्रैल के बीच कुल 4 पुलिस स्टेशन में 6 एफआईआर दर्ज की गईं थीं.

CJI की अध्यक्षता वाली बेंच में NIA की ओर से SG तुषार मेहता ने कहा कि आपके द्वारा कहा गया था कि इस मामले में जो 6 FIR दर्ज की गई हैं वो रामनवमी की घटना से जुड़ी हैं या नहीं, हमने उसकी जांच की. पहली एफआईआर (FIR) जो हावड़ा में दर्ज की गई है उसमें विस्फोटक जैसी चीजों के इस्तेमाल किए जाने का जिक्र किया गया है. कलकत्‍ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) के फैसले के बाद भी राज्य सरकार ने एनआई (NIA) को अभी भी डाक्यूमेंट्स नहीं मुहैया कराए हैं.

बंगाल सरकार की तरफ से वकील गोपाल शंकर नारायण ने कहा कि ये आरोप दुर्भाग्यपूर्ण है कि हम किसी को बचा रहे हैं. राज्य सरकार द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपी हर समुदाय के हैं. सीजेआई ने कहा कि क्या इस बात से इन्कार किया जा सकता है कि वहां विस्फोटकों के इस्तेमाल का आरोप है?

बंगाल सरकार के वकील ने कहा कि कोर्ट को ये देखना चाहिए कि अगर वो विस्फोटक थे तो कितने लोग उससे घायल हुए. दरअसल वो स्मॉग बम थे. राज्य के अधिकारियों की जांच पर भरोसा ना करना ये दुर्भाग्यपूर्ण है.

बंगाल सरकार के वकील ने कहा कि रामनवमी जुलूस के दौरान 4 दिनों में 6 घटनाएं हुईं. हाईकोर्ट ने एक एफआईआर में जांच के आदेश दिए थे. लेकिन NIA ने कुल 6 एफआईआर की जांच करने की बात अपने नोटिफिकेशन में कही. दरअसल रामनवमी के दौरान हुई हिंसा के मामले की जांच NIA को दिए जाने के कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी.

Tags: NIA, Ram Navami clash, Supreme Court, VHP, West bengal

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