नवीन पर्व के लिए नवीन प्राण चाहिए… चैरेवति-चैरेवति , पीएम मोदी ने नई संसद में कही ये खास पंक्तियां

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नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन में मौजूद सांसदों व अन्य राज्य के मुख्यमंत्रियों को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने ‘नवीन पर्व के लिए नवीन प्राण चाहिए’ शीर्षक कविता की एक लाइन पढ़ी. साथ ही उन्होंने अपने भाषण में चरैवेति, चरैवेति को भी दोहराया. पीएम मोदी ने कहा कि जो रुक जाता है, उसका भाग्य भी रुक जाता है, लेकिन जो चलता रहता है, उसका भाग्य भी चलता रहता है. इसलिए चलते रहो, चलते रहो.

गुलामी के बाद हमारे देश ने कई उतार-चढ़ाव देखेः पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि गुलामी के बाद हमारे देश ने कई उतार-चढ़ाव देखते हुए आजादी के अमृतकाल में प्रवेश किया है. आजादी का यह अमृतकाल असंख्य सपनों और आकांक्षाओं को पूरा करने का अमृतकाल है. इस अमृतकाल का आह्वान है- मुक्त मातृभूमि को नवीन पाना चाहिए. नवीन पर्व के लिए नवीन प्राण चाहिए.

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60 हजार मजदूरों को मिला रोजगारः पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि यह भवन आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है और नवीनतम उपकरणों से सुसज्जित है. इसने 60,000 से अधिक मजदूरों को रोजगार दिया है. हमने उनकी कड़ी मेहनत का सम्मान करने के लिए एक डिजिटल गैलरी बनाई है. पीएम मोदी ने कहा कि पंचायत भवन से लेकर संसद भवन तक देश और देशवासियों का विकास हमारा संकल्प और प्रेरणा बना हुआ है.

पंचायत भवन से लेकर संसद भवन तक हमारी प्रेरणाः पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि पंचायत भवन से लेकर संसद भवन तक हमारे देश और यहां के लोगों का विकास ही हमारी प्रेरणा है. आज जब हम इस नई संसद के निर्माण पर गर्व महसूस कर रहे हैं, तो पिछले 9 वर्षों में देश में 4 करोड़ गरीबों के लिए घर और 11 करोड़ शौचालयों के निर्माण के बारे में सोचते हुए मुझे बहुत संतोष भी होता है.

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नई संसद की आवश्यकता थीः पीएम मोदी
इसके अलावा पीएम मोदी ने कहा कि जब हम नई संसद में आधुनिक सुविधाओं की बात करते हैं, तो मुझे संतोष होता है कि हमने देश के गांवों को जोड़ने के लिए 4 लाख किलोमीटर से अधिक सड़कों का निर्माण किया है. पीएम मोदी ने कहा कि “नई संसद की आवश्यकता थी. हमें यह भी देखना होगा कि आने वाले समय में सीटों और सांसदों की संख्या में वृद्धि होगी. इसलिए यह समय की मांग थी कि एक नई संसद बनाई जाए.”

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