देश के कोऑपरेटिव सेक्टर में होने जा रहा बड़ा बदलाव, मोदी सरकार जुलाई तक ला सकती है नई सहकारिता नीति!

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नई दिल्ली. देश में अब बहुत जल्द ही नई राष्ट्रीय सहकारिता नीति (New National Cooperation Policy) का ऐलान कर दिया जाएगा. नई राष्ट्रीय सहकारिता नीति का मसौदा तैयार करने के लिए गठित राष्ट्रीय स्तर की समिति के अध्यक्ष और देश के पूर्व रेल मंत्री सुरेश प्रभु (Former Railway Minister Suresh Prabhu) ने आज केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह (Union Home and Cooperative Minister Amit Shah) को एक प्रस्तुति दी है. अमित शाह ने बीते शनिवार को ही कहा था कि सहकारिताएं भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहे है. मोदी सरकार जल्द ही एक नई सहकारी नीति लेकर आएगा और सहकारी आंदोलन को मजबूत करने के लिए राज्यों के साथ मिलकर काम करेगा.

सहकारिता मंत्री अमित शाह ने पिछले दिनों ही ऐलान किया था कि अगले पांच वर्षों में प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पीएसी) की संख्या बढ़ाकर 3 लाख की जाएगी. वर्तमान में लगभग 65,000 पीएसी सक्रिय हैं. बता दें कि पिछले साल 2 सितंबर को नई सहकारिता नीति का मसौदा तैयार करने के लिए पीएम मोदी (PM Modi) ने एक राष्ट्रीय स्तर की समिति का गठन करने का ऐलान किया था. पीएम मोदी ने तब कहा था ‘सहकार से समृद्धि’ के विजन को साकार करने के लिए केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में एक नई राष्ट्रीय नीति तैयार किया जाएगा.

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मछली पालन की योजना के लिए आवेदन मांगे जा रहे हैं.

नई सहकारिता नीति का ऐलान जुलाई में
पीएम मोदी ने कहा था कि वर्तमान सहकारिता नीति 2002 में तैयार की गई थी और बदलते आर्थिक परिदृश्य के मद्देनजर एक नई नीति की आवश्यकता महसूस की गई. मोदी सरकार ने नई राष्ट्रीय सहकारिता नीति बनाने के लिए देशभर से चुने गए विभिन्न हितधारक जैसे, राज्य सहकारिता विभागों, केंद्रीय मंत्रालयों के विभागों, आरबीआई (RBI), इफ्को, NCCF (एनसीसीएफ), NAFCARD (एनएएफसीएआरडी), NAFCUB, KRIBHCO, NFCSF, NCUI, NAFED जैसे राष्ट्रीय महासंघ और विभिन्न क्षेत्रों में सहकारी समितियों के प्रतिनिधि, शिक्षाविद और विशेषज्ञ शामिल किए गए हैं.

इन लोगों ने मसौदा तैयार किया है
मंगलवार को प्रस्तुति के दौरान समिति के सदस्यों ने केन्द्रीय सहकारिता मंत्री को मसौदा नीति के उद्देश्यों, विज़न और मिशन के साथ-साथ संरचनात्मक सुधारों और शासन, वायब्रेंट आर्थिक संस्थाओं के रूप में सहकारी समितियों, सहकारी समितियों के लिए समान अवसर, पूंजी के स्रोतों, प्राथमिकता वर्गों को शामिल करना, प्रौद्योगिकी का उपयोग, अपस्किलिंग और प्रशिक्षण, स्थिरता और कार्यान्वयन योजना सहित विभिन्न क्षेत्रों में प्रमुख सिफारिशों के बारे में जानकारी दी.

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पीएम मोदी के ‘सहकार से समृद्धि’ के विज़न को प्राप्त करने जमीनी स्तर पर सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने का प्रयास.

‘सहकार से समृद्धि’  का विजन होगा साकार
इस बैठक में अमित शाह ने पीएम मोदी के ‘सहकार से समृद्धि’ के विज़न को प्राप्त करने और नई नीति के माध्यम से जमीनी स्तर पर सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने के बारे में समिति सदस्यों का मार्गदर्शन किया. शाह से मिले मार्गदर्शन के अनुसार समिति एक संशोधित मसौदा तैयार करेगी. मसौदा से जुड़े लोगों की मानें तो अगले कुछ दिनों में राज्य सरकारों, केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों, राष्ट्रीय सहकारी समितियों आदि सभी हितधारकों से विचार-विमर्श के बाद जुलाई, 2023 में नई सहकारिता नीति की घोषणा होने की संभावना है.

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यह मंत्रालय देश में सहकारी समितियों के हितों की देख-रेख और उनके उत्थान के लिए काम करेगा. मंत्रालय को एक अलग से प्रशासनिक, विधिक और नीतिपरक ढांचा दिया गया है, जिससे देश में सहकारिता आंदोलन को एक मजबूत दी जा सके. मोदी सरकार का कहना है कि इस मंत्रालय को सहकार से समृद्धि के विजन के साथ बनाया गया है.

Tags: Cooperative Policy, Farmers in India, Home Minister Amit Shah, PM Modi

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