डीके शिवकुमार या सिद्धारमैया? कांग्रेस विधायकों ने मल्लिकार्जुन खड़गे पर छोड़ा नया सीएम चुनने का फैसला

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हाइलाइट्स

कर्नाटक में कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सर्वसहमति से प्रस्ताव पारित हुआ.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को मुख्यमंत्री का नाम तय करने के लिए अधिकृत किया गया.

बेंगलुरु. कर्नाटक के नवनिर्वाचित कांग्रेस विधायकों ने रविवार को पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को विधायक दल का नेता यानी मुख्यमंत्री का नाम तय करने के लिए अधिकृत किया. कांग्रेस विधायक दल की रविवार शाम यहां एक निजी होटल में हुई बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर पार्टी अध्यक्ष को विधायक दल का नेता चुनने का अधिकार दिया गया है. इससे पहले, कांग्रेस के केंद्रीय पर्यवेक्षकों ने कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल के साथ निवर्तमान विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धारमैया और कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डीके शिवकुमार के साथ बैठक की.

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कर्नाटक में कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) का नेता चुनने के लिए वरिष्ठ नेता सुशील कुमार शिंदे, जितेंद्र सिंह और दीपक बाबरिया को पर्यवेक्षक नियुक्त किया था. राज्य में 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में कांग्रेस ने शानदार जीत हासिल करते हुए 135 सीट जीतीं, जबकि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा नीत जनता दल (सेक्युलर) ने क्रमश: 66 और 19 सीट जीतीं.

केसी वेणुगोपाल बोले- विधायकों की राय से नया सीएम
सीएलपी बैठक के बाद विधायकों की रायशुमारी की प्रक्रिया के बारे में बताते हुए कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, ‘विधायकों की राय लेने की यह प्रक्रिया आज रात ही पूरी हो जाएगी. जैसा कि रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, यह सिद्धारमैया द्वारा पेश किया गया एक सर्वसम्मत प्रस्ताव था और डीके शिवकुमार तथा सभी वरिष्ठ नेताओं ने इसका समर्थन किया.’


फैसले की जानकारी पार्टी को दी: सुरजेवाला

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के कर्नाटक प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि पहला प्रस्ताव प्रदेश कांग्रेस प्रमुख शिवकुमार ने पेश कर कर्नाटक के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं तथा लोगों को धन्यवाद कहा, जबकि एक लाइन का दूसरा प्रस्ताव पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया द्वारा पेश किया गया. बैठक के बाद सुरजेवाला ने कहा, ‘‘विधायक आज रात के खाने के बाद केंद्रीय पर्यवेक्षकों से मिलेंगे और उनके फैसले से पार्टी अध्यक्ष को अवगत करा दिया जाएगा, ताकि नए विधायक दल के नेता की नियुक्ति का फैसला लिया जा सके.’’

दोनों नेताओं के समर्थकों में नारेबाजी
बैठक स्थल के बाहर सिद्धरमैया और शिवकुमार के समर्थकों ने नारेबाजी की तथा बैनर लहराए. इससे पहले दोनों नेताओं ने अपने वफादार विधायकों के साथ बैठकें कीं. दोनों पक्षों के बीच अपने नेता को अगले मुख्यमंत्री के रूप में पेश करने के साथ एक पोस्टर युद्ध भी शुरू हो गया. खड़गे ने सीएलपी नेता के चुनाव के लिए महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे, कांग्रेस महासचिव जितेंद्र सिंह और पार्टी के पूर्व महासचिव दीपक बाबरिया को पर्यवेक्षक नियुक्त किया था. कांग्रेस विधायक दल की बैठक से पहले वेणुगोपाल के साथ कांग्रेस के केंद्रीय पर्यवेक्षकों ने सिद्धरमैया और शिवकुमार के साथ चर्चा की.

दिल्ली पहुंचे खड़गे
दिल्ली लौट चुके खड़गे ने पूर्व में कहा था कि एआईसीसी के पर्यवेक्षक पार्टी विधायकों की राय से आलाकमान को अवगत कराएंगे, जिसके बाद अंतिम फैसला लिया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार जल्द गठित होगी.

सिद्धारमैया और डीके दोनों ने किया दावा
सिद्धारमैया (75) और शिवकुमार (60) दोनों ने मुख्यमंत्री बनने की अपनी महत्वाकांक्षा को छुपाया नहीं है. कांग्रेस चुनाव से पहले एकजुटता बनाने में कामयाब रही, लेकिन उसे मुख्यमंत्री चुनने की प्रक्रिया शुरू होने के साथ उस एकता को बनाए रखने के लिए कठिन स्थिति का सामना करना पड़ रहा है. कर्नाटक में पिछली विधानसभा का कार्यकाल 24 मई को समाप्त होने से पहले नवनिर्वाचित विधानसभा का गठन किया जाना है.

एक ‘संकटमोचक’ तो दूसरा ‘लोकप्रिय’
शिवकुमार को कांग्रेस पार्टी के लिए ‘‘संकटमोचक’’ माना जाता है, वहीं निवर्तमान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सिद्धरमैया राज्य भर में लोकप्रिय हैं. अगर सिद्धरमैया सीएलपी नेता के रूप में चुने जाते हैं तो 2013-18 के बीच पांच साल तक इस पद पर रहने के बाद पार्टी के मुख्यमंत्री के रूप में यह उनका दूसरा कार्यकाल होगा. शिवकुमार ने सिद्धरमैया के मंत्रिमंडल में मंत्री के रूप में कार्य किया था.

Tags: Karnataka Assembly Elections 2023, Karnataka Congress, Mallikarjun kharge, Siddaramaiah

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