जी-7: रूस पर कई तकनीकी प्रतिबंधों का खाका, जानें भारत-यूक्रेन वार्ता पर इसका क्या प्रभाव?

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हिरोशिमा. जी-7 देशों ने शुक्रवार को रूस के खिलाफ नए प्रतिबंधों का खाका तैयार कर लिया है, जिसमें मास्को को प्रौद्योगिकी और औद्योगिक उपकरणों से वंचित करने के उपाय शामिल हैं. यह एक ऐसा कदम है जो यूक्रेन पर आक्रमण के विभाजनकारी मुद्दे पर जी-20 के भीतर आम सहमति बनाने के भारत के प्रयासों को प्रभावित कर सकता है.

जापान के हिरोशिमा शहर में सात सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के नेताओं की बैठक में मास्को की आक्रामकता की फिर से निंदा की गई और रूस से यूक्रेन से “तुरंत, पूरी तरह से और बिना शर्त अपने सैनिकों को वापस लेने” का आह्वान किया. इसमें कहा गया कि रूस की गैर जिम्मेदाराना परमाणु बयानबाजी, हथियार नियंत्रण व्यवस्था को कमजोर करना और बेलारूस में परमाणु हथियार तैनात करने का कथित इरादा खतरनाक और अस्वीकार्य है.

कई संस्थाओं को ब्लैकलिस्ट करने की तैयारी
जापान, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) के नेताओं ने अपनी बैठक के बाद एक संयुक्त बयान में कहा कि वे “रूस और उसके युद्ध प्रयासों का समर्थन करने वालों के लिए लागत बढ़ाने के लिए और प्रतिबंध और उपाय लगा रहे हैं”. एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा, कि अमेरिका रूस के रक्षा उत्पादन में शामिल 70 रूसी और तीसरे देश की संस्थाओं को ब्लैकलिस्ट करेगा और 300 से अधिक व्यक्तियों, संस्थाओं, विमानों और जहाजों पर प्रतिबंध लगाएगा.

अधिकारी ने कहा, ‘ये उल्लंघन के बाद होंगे. ये वित्तीय सुविधाप्रदाताओं के साथ-साथ युद्ध का समर्थन करने में मदद करने वाले रूस और अन्य की भविष्य की ऊर्जा और निकासी क्षमताओं के लिए जाएंगे”

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