गरीबी में जल्दी कर दी बेटी की शादी, पढ़ाई छूटी…हुनर में था दम, ब्यूटी पार्लर खोल निशा कमा रही 50 हजार महीना

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राजकुमार सिंह/वैशाली: बिहार में समय से पहले लड़कियों की शादी करा देना आम बात है. इसके पीछे की मुख्य वजह आर्थिक स्थिति कमजोर होना है. आर्थिक तंगी से जूझ रहे मां-बाप अपने बच्चे को शिक्षा नहीं दे पाते हैं. किसी तरह हाई स्कूल तक की पढ़ाई कर भी लेते हैं तो आगे आर्थिक तंगी के चलते आगे का रास्ता कठिन हो जाता है. खासकर यदि लड़की हो तो पढ़ाने के बजाए उनकी शादी कर दी जाती है.

कमोवेश इसी तरह की स्थिति का समाना वैशाली जिला के भगवानपुर प्रखंड स्थित बिशुनपुर बांधते गांव की रहने वाली निशा को करना पड़ा. निशा पढ़ना चाहती थी, लेकिन आर्थिक तंगी के चलते माता-पिता ने बीच में पढ़ाई रूकवा दिया और शादी करा दी. निशा को ना पढ़ पाने का मलाल कचोटता रहा. लेकिन निशा को पति के रूप में बेहतर हमसफर मिल गया जो हर कदम पर साथ देने को तैयार थे. यहीं से निशा की जिंदगी बदल गई और पढाई पूरी करने के बाद के बाद अब सफलतापूर्वक ब्यूटी पार्लर की दुकान चल रही है.

पति ने दिया साथ तो निशा बन गई सफल महिला
दरअसल, 2021 में निशा की शादी बिशुनपुर बांधते गांव के रहने वाले उमेश कुमार से कर दी गई. लेकिन जिस व्यक्ति से उसकी शादी हुई उसने पति धर्म को ना सिर्फ निभाया बल्कि पढ़ाई करने की पूरी छूट दी. निशा के सपने को साकार करने के लिए हमेशा एक कदम आगे रहे. स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद निशा खुद का धंधा शुरू करना चाहती थी. इसके लिए निशा ने हाजीपुर स्थित रुडसेट संस्थान से संपर्क कर ब्यूटीशियन का कोर्स किया. पैसे के अभाव में निशा ने अपने गहने को गिरवी रखकर छोटा सा ब्यूटी पार्लर खोल लिया. लेकिन, कुछ दिन बाद हीं घर आपसी विवाद शुरू हो गया.

पति के बड़े भाई ने ब्यूटी पार्लर पर कब्जा जमा लिया. इसके बाद निशा सड़क पर आ गई. निशा ने फिर रुडसेट संस्थान से संपर्क किया. वहीं प्रधानमंत्री मुद्रा लोन के बारे में जानकारी मिली. संस्थान ने मदद कर निशा को 10 लाख लोन दिलवाकर ब्यूटी पार्लर दुकान खोलने में भी मदद की. इसके बाद तो निशा ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और ब्यूटी पार्लर की दुकान चलाकर अच्छी कमाई कर रही है.

50 हजार से अधिक हर माह कर लेती है कमाई
निशा ने बताया इस ब्यूटी पार्लर की दुकान में दो महिलाओं को रोजगार भी दिया है और दुकान से हर माह 50 हजार से अधिक की कमाई हो जाती है. निशा ने बताया कि पढ़ाई में मन लगता था, लेकिन पिता किसान थे और घर भी किसी तरह चलता था. ऐसे में पिता नहीं पढ़ा पाए. लेकिन पति ने भरपूर साथ दिया और इसका नतीजा यह है कि आज ब्यूटी पार्लर दुकान की मालकिन बन गए हैं. शुरूआत में ससुराल वाले नहीं चाहते थे कि बहू घर से बाहर जाए. पति ने परिवार वालों की बातों को अनसुना करते हुए पूरा साथ दिया. यही वजह है कि खुशहाल जिंदगी जी रहे हैं और घर को भी आर्थिक मदद देकर मजबूती प्रदान कर रहे हैं.

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