कौन हैं कर्नाटक कैबिनेट के इकलौते मुस्लिम मंत्री? सिद्धारमैया से नजदीकी, 5वीं बार बने MLA

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हाइलाइट्स

जमीर अहमद खान इकलौते मुस्लिम विधायक हैं जिन्हें कैबिनेट में जगह मिली है
जमीर अहमद खान ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और पुराने बेंगलुरु क्षेत्र में चामराजपेट विधानसभा क्षेत्र से जीत हासिल की
खान कर्नाटक में कांग्रेस के सबसे प्रमुख मुस्लिम चेहरों में से एक हैं

बेंगलुरु. दिग्गज कांग्रेस नेता सिद्धारमैया (CM Siddaramaiah) ने आज बेंगलुरु के कांटेरावा स्टेडियम में एक भव्य समारोह में कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली, जबकि डीके शिवकुमार (DK Shivkumar) ने डिप्टी सीएम के रूप में शपथ ली. इन दोनों नेताओं के अलावा कांग्रेस के आठ विधायकों ने भी कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली, जिनमें पांच बार के विधायक जमीर अहमद खान भी शामिल हैं. जमीर अहमद खान (Zameer Ahmad Khan) इकलौते मुस्लिम विधायक हैं जिन्हें कैबिनेट में जगह मिली है.

कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जमीर अहमद खान ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और पुराने बेंगलुरु क्षेत्र में चामराजपेट विधानसभा क्षेत्र से जीत हासिल की. उन्होंने भाजपा उम्मीदवार, पूर्व शहर पुलिस आयुक्त भास्कर राव को 53,953 मतों के अंतर से हराया. साथ ही चामराजपेट विधानसभा को जमीर अहमद का गढ़ भी कहा जाता है. उन्होंने लगातार पांच विधानसभा चुनावों में इसी सीट से जीत हासिल की है. बता दें कि खान कर्नाटक में कांग्रेस के सबसे प्रमुख मुस्लिम चेहरों में से एक हैं जिन्हें सीएम सिद्धारमैया का बेहद करीबी सहयोगी माना जाता है.

JDS से शुरू किया था सफर
सीएम सिद्धारमैया की ही तरह अहमद खान ने JDS के साथ अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की और 2005 में चामराजपेट विधानसभा उपचुनाव में एक विधायक के रूप में चुने गए. 2006 में, उन्होंने कर्नाटक सरकार के नेतृत्व में हज और वक्फ बोर्ड के मंत्री के रूप में काम किया. गौरतलब है कि खान को 2016 में JDS द्वारा निष्कासित कर दिया गया था, क्योंकि उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवारों के लिए कथित रूप से क्रॉस वोट किया था और राज्यसभा चुनाव में पार्टी के व्हिप के खिलाफ गए थे.

बाद में, खान और छह अन्य पूर्व जद (एस) विधायक 2018 के विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस में शामिल हो गए. उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और भाजपा उम्मीदवार को 33,137 मतों के अंतर से हराया. इसके अलावा, वह 2018 में 54.35 प्रतिशत का प्रभावशाली वोट शेयर भी हासिल करने में कामयाब रहे.

2018 में कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन सरकार के सत्ता में आने के बाद उन्हें खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों का मंत्री बनाया गया. कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व और सीएम सिद्धारमैया ने नई सरकार में सभी समुदायों के प्रतिनिधित्व को समायोजित करने की कोशिश की है और खान को शामिल करने को अल्पसंख्यक समुदाय को सही संदेश भेजने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है.

Tags: Congress, Karnataka, Siddaramaiah

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