करेले की सब्जी खाने के बाद दूध पीना चाहिए या नहीं, क्या कहता है साइंस?

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करेले को कई बीमारियों के इलाज में काफी फायदेमंद बताया गया है. यह एक ऐसी हरी सब्जी है जिसमें शूगर का लेवल शून्य तक होता है. इसे ब्लड प्यूरिफायर के तौर पर भी बताया गया है. लेकिन, आमतौर पर यह सब्जी सभी आयुवर्ग के लोगों की पसंद नहीं होती. इसकी कड़वी प्रवृत्ति की वजह इसे बच्चे पसंद नहीं करते हैं. वैसे तो करेला एक प्राचीन काल से भारतीय सब्जियों का हिस्सा रही है. जहां तक इसके इतिहास की बात है तो ऐसा दावा किया जाता है कि इसकी उत्पति मूल रूप से अफ्रीका में हुई थी. यहीं से इसके एशियाई इलाकों में आने की बात कही जाती है.

सर्वगुण संपन्न सब्जी करेले की सबसे अहम प्रकृति इसकी कड़वाहट है. यह कड़वाहट नॉन टॉक्सिक यानी जहरीला नहीं होती, बल्कि यह हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होती है. यह कड़वाहट हमारे पेट के लिए औषधी के रूप में काम करती है. यह हमारे पेट को दो तरीके से फायदा पहुंचाती है. करेले की कड़वाहट से हमारे पेट में खास तरह का तरल पदार्थ पैदा होता है जो ज्यादा खाने की वजह से पेट में पैदा गड़बड़ी को ठीक करता है. इसका दूसरा फायदा तनाव की वजह से हमारे अमाशय में आने वाली कमजोरी को दूर करना है.

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विटामिन से भरपूर करेला
जहां तक करेला में विटामिन की बात है तो यह हमारे स्वास्थ्य के लिए एक तरह से राम बाड़ सब्जी है. 112 ग्राम करेला में 28 कैलोरी ऊर्जा, 1.8 ग्राम प्रोटीन, 4.7 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, केवल 0.91 ग्राम यानी एक ग्राम से भी कम वसा, 4.8 ग्राम फाइबर, 141.1 एमजी विटामिन ए, 0.08एमजी विटामिन बी, भरपूर मात्रा में विटामिन सी यानी 98.5 एमजी, कैल्सियम 22.4 एमजी, मैगनेशियम 40.3 एमजी, फॉसफोरस 78.4 एमजी, पोटैशियम 191.5 एमजी सहित तमाम अन्य विटामिन और पोषक तत्व मिलते हैं.

करेला के फायदे
करेला से फायदे की बात करें तो यह एक सर्वगुण संपन्न सब्जी है. यह एक ऐसी सब्जी है जिसे किसी भी बीमारी में वर्जित नहीं किया गया है. यह बॉडी में ब्लड शूगर को कंट्रोल करती है. शूगर के मरीजों को करेले का जूस पीने की सलाह दी जाती है. यह हमारे लीवर को डिटॉक्सिफाइ करती है. कोलेस्ट्रॉल लेवल घटाती है. पाचन तंत्र को बेहतर बनाती है. स्कीन और बालों के लिए बेहद फायदेमंद है. क्योंकि इसमें अच्छी मात्रा में विटामिन ए और सी मिलता है. यह ब्लड प्यूरिफायर का काम करती है. इसे आंखों की रोशनी के लिए बेहतर बताया गया है.

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करेले के साथ सावधानी
कोई भी चीज अगर सेहत के लिए अच्छी होती है तो इसका मतलब कतई यह नहीं कि उसे भरपूर मात्रा में लिया जाए. यह करेले के साथ भी लागू होती है. करेला एक सर्वगुण संपन्न सब्जी है लेकिन अत्याधिक मात्रा में इसका सेवन हानिकारक हो सकता है. ऐसे में इसके साथ भी कुछ सावधानियां बरतने की बात कही जाती है. जैसे करेले का सेवन प्रेग्नेंट और दूध पिलाती मांओं को नहीं करना चाहिए. दरअसल, करेले में कुछ खास केमिकल होते हैं जिससे आपके बच्चे को नुकसान पहुंच सकता है. इसी तरह करेला को नेचुरली ब्लड शूगर कंट्रोलर के तौर जाना जाता है. लेकिन अगर आप डायबिटीज की दवा ले रहे हैं तो डॉक्टर की सलाह के बिना इसका सेवन न करें.

क्या दूध के साथ करेला ले सकते हैं?
जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि करेला एक सर्वगुण संपन्न सब्जी है. एक स्वस्थ्य व्यक्ति नियमित रूप से रोज एक निश्चित मात्रा में करेले का सेवन कर सकता है. लेकिन, इस सब्जी के सेवन के बाद आपको कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए. जैसे करेला खाने के तुरंत बाद दूध का सेवन न करें. दरअसल, दूध में प्रकृति लैक्जेटिव (laxative) होती है. यानी इससे हमारा स्टूल पतला होता है. जबकि करेला की प्रकृति डायूरेक्टिक (diuretic) होती है. यानी इससे यूरिन ज्यादा मात्रा में पैदा होता है.

Tags: Health

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