आम आदमी की थाली से गायब हो रही हैं अरहर और उड़द की दालें, केंद्र सरकार ने लिया अब बड़ा फैसला

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नई दिल्ली. देश में महंगाई का असर अब आटा-चावल के बाद दाल की कीमतों (Prices of Pulses) पर भी पड़ने लगा है. दाल की बढ़ती कीमतों ने आम आदमी के साथ केद्र सरकार की भी चिंता बढ़ा दी है. आम आदमी की थाली से अरहर और उड़द की दालें (Tur and Urad Pulses) गायब न हो जाए, इसके लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. इसी कड़ी में बुधवार को उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने देश के सभी राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों से बात की है. इस बैठक में विभाग की अपर सचिव निधि खरे ने कहा कि जमाखोरी और इसकी सट्टेबाजी रोकने और उपभोक्ताओं के खरीद में सुधार लाने के लिए बीते 2 जून को तूर और उड़द दाल की स्टॉक सीमा पर आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 को लागू किया है. बुधवार को इस बैठक में खुदरा मूल्यों, विभिन्न स्टॉक-होल्डिंग संस्थाओं द्वारा बताए गए स्टॉक की मात्रा और तूर और उड़द दाल के संबंध में सीडब्ल्यूसी और एसडब्ल्यूसी गोदामों के स्टॉक की समीक्षा की गई.

इस बैठक में राज्यों द्वारा बैंकों के पास गिरवी रखी गई मात्रा और स्टॉक डिस्क्लोजर पोर्टल पर घोषित मात्रा के बीच अंतर का पता लगाने के लिए राज्यों द्वारा की गई कार्रवाई और स्टॉक सीमा के प्रवर्तन पर राज्यों के साथ चर्चा की गई. इसके अलावा, केन्द्रीय भंडारण निगम और राज्य भंडारण निगमों से नियमित आधार पर अपने-अपने गोदामों में तूर और उड़द दाल के स्टॉक का ब्यौरा प्रस्तुत करने के लिए कहा गया. बैठक में राज्य सरकारों से कीमतों पर लगातार नजर रखने और स्टॉक रखने वाली इकाइयों में स्टॉक की स्थिति का सत्यापन करने और स्टॉक सीमा आदेश का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया.

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केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 31 अक्टूबर 2023 तक अरहर और उड़द दाल के लिए स्टॉक सीमा निर्धारित की गई है. (Image-Canva)

दाल की बढ़ती कीमतों को लेकर सरकार गंभीर
केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 31 अक्टूबर 2023 तक अरहर और उड़द दाल के लिए स्टॉक सीमा निर्धारित की गई है. प्रत्येक दाल पर व्यक्तिगत रूप से लागू स्टॉक सीमा, थोक विक्रेताओं के लिए 200 मीट्रिक टन, खुदरा विक्रेताओं के लिए 5 मीट्रिक टन; खुदरा आउटलेट के लिए 5 मीट्रिक टन और बड़े खुदरा विक्रेताओं के लिए डिपो में 200 मीट्रिक टन; मिल मालिकों के लिए पिछले तीन महीने का उत्पादन या वार्षिक स्थापित क्षमता का 25 प्रतिशत, जो भी ज्यादा हो निर्धारित किया गया है. आदेश में, इन इकाइयों के लिए विभाग पोर्टल (https://fcainfoweb.nic.in/psp) पर स्टॉक की स्थिति के बारे में जानकारी प्रदान करना भी अनिवार्य किया गया है.

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बता दें कि हाल के दिनों में देश में दालों की कीमतों में तेजी से उछाल आने से केंद्र सरकार चिंतित है. खासकर अरहर दाल की कीमतें अब 160 से 180 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है. माना जा रहा है कि दाल की सप्लाई घटने के कारण कीमतें लगातार बढ़ती ही जा रही हैं. दिल्ली-एनसीआर सहित देश के बाजारों में उड़द, मूंग और अरहर जैसी दालों की कीमतें कम होने का नाम नहीं ले रही है.

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