अगर काट ले ये वाला सांप, शरीर के किसी भी अंग से बहने लगता है खून, 5 मिनट में मरीज की..

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कहते हैं अगर कोई सांप फुर्तीला है तो मान लेना चाहिए कि उसके अंदर उतना ही ज्‍यादा जहर है. विषैले सांप बहुत तेज भाग सकते हैं. ये सांप काटकर अचानक आंखों से ओझल हो जाते हैं. इसलिए इन्‍हें पकड़ पाना भी मुश्किल होता है. भारत में ये सांप ग्रामीण इलाकों में आसानी से मिल जाते हैं. कई बार इनके बच्‍चे घरों में निकल आते हैं. वैसे तो इनके काटने से 5 मिनट के भीतर व्‍यक्ति की मौत भी हो सकती है लेकिन कई बार इनका जहर शरीर में ऐसे फैलता है कि मरीज के शरीर के हर अंग से खून बहने लगता है. इन्‍हें स्‍नेक एक्‍सपर्ट एक अलग केटेगरी में रखते हैं.

आज हम आपको भारत में मिलने वाले 5 विषैले सांपों में से एक ही प्रजाति के तीन ऐसे ही जहरीले सांपों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके डसने से व्‍यक्ति के अंग-अंग से खून बहने लगता है. मरीज के मसूढ़ों से खून बहता और दांत खून में रंग जाते हैं. बिना इलाज के मरीज की हालत इतनी खराब हो जाती है कि आसपास के लोग देखकर डरने लगते हैं और दहशत में आ जाते हैं.

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ये सांप हीमोटॉक्सिक होते हैं, इसलिए इनके जहर का असर सीधे खून पर होता है. खून पतला हो जाता है और शरीर में जहां भी रास्‍ता मिलता है वह बाहर निकलने लगता है. खून का थक्‍का न बनने के चलते मरीज की नाक, मुंह, यूरिन, बवासीर, कान, मलाशय आदि से तो खून बहता ही है. अगर मरीज के शरीर का कोई घाव हाल-फिलहाल में ठीक हुआ होता है तो वो भी खुल जाता है और वहां से भी ब्‍लीडिंग होने लगती है.

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वाइपर सांपों की 3 खतरनाक प्रजातियां भारत में मिलती हैं.

कौन से हैं ये सांप

जिला पब्लिक हेल्‍थ ऑफिसर गौतमबुद्ध नगर डॉ. अमित कुमार बताते हैं कि भारत में पांच सबसे खतरनाक सांप होते हैं. जिनमें कोबरा, करैत, रसेल वाइपर, सॉ स्‍केल्‍ड वाइपर और हंप्‍ड नोज वाइपर शामिल हैं. इनमें कोबरा और करैत तो न्‍यूरोटॉक्सिक हैं, जिनका जहर हमारे शरीर के तंत्रिका तंत्र और स्‍पाइन कॉर्ड पर अटैक करता है, जिसकी वजह से लकवा हो सकता है लेकिन एक ही प्रजाति के तीन सांप रसेल वाइपर (Russel viper), सॉ स्‍केल्‍ड वाइपर और हंप्‍ड नोज वाइपर हीमोटॉक्सिक होते हैं और इनका जहर खून को निशाना बनाता है.

कैसे दिखते हैं ये सांप

रसेल वाइपर, सॉ स्‍केल्‍ड वाइपर और हंप्‍ड नोज वाइपर तीनों ही मटमैले और भूरे रंग के सांप होते हैं. रसेल वाइपर पर भूरे और मटमैले रंग के चेक्‍स की डिजाइन बनी होती है. इसका फन त्रिकोणीय शेप लिए होता है. जबकि सॉ स्‍केल्‍ड वाइपर भी सफेद और भूरे रंग के चेक वाला होता है. हंप्‍ड नोज वाइपर पर चेक नहीं बने होते. यह सफेद और हल्‍के मटमेले रंग की बेहद महीन जाली की डिजाइन वाला होता है.

इनके जहर से नहीं रुकता खून

रसेल वाइपर के अलावा सॉ स्‍केल्‍ड वाइपर और हंप्‍ड नोज वाइपर बहुत विषैले होते हैं.

रसेल वाइपर के अलावा सॉ स्‍केल्‍ड वाइपर और हंप्‍ड नोज वाइपर बहुत विषैले होते हैं.

इन तीनों सांपों के काटने के तुरंत बाद मरीज में जहर फैलने लगता है. इसकी वजह से मरीज को काटने वाली जगह पर दर्द, पेट और कमर में दर्द, उल्‍टी और मसूढ़ों से खून आने लगता है. त्‍वचा पर फफोले निकल आते हैं और शरीर गलने लगता है. बीपी घट जाता है, दिल की गति धीमी हो जाती है. इसके अलावा शरीर के अन्‍य हिस्‍सों से भी खून बहने लगता है. मरीज खून में नहा जाता है, ऐसा जहर के असर की वजह से होता है. इन सांपों के जहर के लक्षण बहुत भयावह होते हैं.

काट ले सांप तो क्‍या करें?
डॉ. अमित बताते हैं कि वैसे तो कोई भी सांप काट ले हमेशा नजदीकी स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र या जिला अस्‍पताल में तुरंत पहुंचना चाहिए. लेकिन अगर वाइपर प्रजाति का कोई भी सांप काट ले, और आपको पता चल जाए तो बिना देर किए ये 5 चीजें कर लें.

. मरीज को एकदम स्थिर रख दें. जहां काटा है उस अंग के नीचे एक लकड़ी का फट्टा हल्‍के से बांधकर उसे हिलने न दें.
. मरीज को कुछ भी खाने-पीने के लिए न दें.
. बिना झाड़-फूंक पर जाए तुरंत नजदीकी जिला अस्‍पताल में लेकर आएं.
.आमतौर पर सांप के काटने पर 4 घंटे जरूरी होते हैं लेकिन वाइपर प्रजाति के काटने पर आधे घंटे के अंदर अस्‍पताल पहुंच जाएं.
. मरीज के लक्षणों पर गौर करें और पूरी जानकारी डॉक्‍टर को दें.

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Tags: Snake, Snake Venom

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