This player is no less than Usain Bolt, both his hands and legs were damaged in an accident, now he has won gold medals. – News18 हिंदी

[ad_1]

शक्ति सिंह/कोटा:- ‘कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों’, इसका सीधा सा यही मतलब है कि कोई भी कार्य कठिन नहीं होता है, बस जरूरत है सही मन और पक्के इरादे से उस कार्य को पूरा करने की कोशिश करना. इस दुनिया मे ऐसा कोई कार्य असम्भव नहीं है, जो मनुष्य के हौसलों से बड़ा हो. यह कहानी है एक खिलाड़ी सुनील कुमार साहू की, जिसने एक एक्सीडेंट में अपने दोनों हाथ और एक पैर गवां दिए थे और उन्हें 2 साल बेड से खड़े होने में लग गए थे.

2018 से कर रहे हैं ट्रेनिंग
सुनील कुमार साहू ने बताया कि मैं कोटा में श्रीनाथपुरम स्टेडियम में तरुण शर्मा कोच के अंडर में 2018 से ट्रेनिंग कर रहा हूं. यहां पर 2018 में पहला डिस्ट्रिक्ट में मेडल हाथ लगा था. उसके बाद में 2019 में स्टेट गेम था, लेकिन वहां पर चौथे पोजीशन पर आया. मेरा लक्ष्य था कि मुझे 2020 में अच्छा करना है. लेकिन पैर की चोट के कारण जोधपुर वाला गेम मैं नहीं खेल पाया. उसके बाद मैंने यही सोचा कि 2021 में जो गेम होगा, वहां पर एक नहीं दो मेडल जीतने की कोशिश करूंगा. लेकिन वहां भी कोविड़ महामारी के कारण सारे गेम पोस्टपोन हो गए. तीन-चार साल हो गए, लेकिन मेडल हाथ नहीं लगा.

नहीं मानी हार, जीता मेडल
सुनील कुमार ने बताया कि जब अच्छी सोसाइटी में रहते हैं, हमें सब अच्छा मार्गदर्शन मिलता है. सब जगह से तो मेरी कोशिश थी कि 2022 में मुझे अच्छा नहीं बहुत अच्छा करना है. जब कोविड़ महामारी में अधिकतर प्लेयर शायद ट्रेनिंग भी नहीं कर रहे थे. लेकिन मैं वहां भी 2021 में कोविड़ महामारी में सुबह 2:30 बजे ट्रेनिंग के लिए जाता था और 5:00 से पहले वापस आ जाता था और उसका प्लस पॉइंट मुझे मिला. आगे स्टेट गेम 2022 में मैंने 100 मीटर में और 400 मीटर में गोल्ड मेडल हासिल किया.

नोट:- जालौर के शासक का था ये पुत्र, जिसकी वीरता से कांपता था दिल्ली सल्तनत, अब यहां बनेगी 3 टन भव्य प्रतिमा

उसके बाद जब महाराष्ट्र गेम के लिए मेरा सेलेक्शन हुआ, तो नेशनल गेम में मैंने 100 मीटर में गोल्ड मेडल हासिल किया और ऑल इंडिया में मुझे फर्स्ट रैंक मिला. उसके बाद में मेरा टारगेट था कि साल 2023 में मुझे इससे भी अच्छा करना है और 2023 में ही मैंने 100 मीटर 400 मीटर 1500 मी. तीनों में स्वर्ण पदक हासिल किया. यह प्रतियोगिता अलवर में हुई थी. उसके बाद नेशनल में मैंने 400 मीटर में गोल्ड मेडल हासिल किया और ऑल इंडिया में मेरी फर्स्ट रैंक थी. 100 मीटर में मैंने ब्राउन मेडल हासिल किया था. सुनील ने कहा कि अभी मैं एसबीआई बैंक को धन्यवाद बोलना चाहता हूं, जो मुझे स्पॉन्सर कर रही है और आर्थिक रूप से मुझे सपोर्ट कर रही है.

Tags: Kota news, Local18, Paralympic athletes, Paralympic Games, Rajasthan news

[ad_2]

Source link