Success Story: पेटेंट का लगा चस्का, फिर इस दंपति ने कर डाले ऐसे खोज, जो हर समस्या का करेगा समाधान

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सच्चिदानंद/पटना:- लोगों को अलग-अलग चीजों का शौक होता है. किसी को गाड़ी का, किसी को जानवर का, तो किसी को महंगी चीजों का शौक रहता है. राजधानी पटना में एक ऐसा दंपति हैं, जिन्हें पेटेंट लेने का चस्का है. इनको एक या दो नहीं, बल्कि कुल पांच पेटेंट मिल चुके हैं और चार अभी भी प्रोसेस में हैं. पेशे से बिजनेसमैन इस दंपती का नाम बरूण कुमार शाही और मीनाक्षी कुमारी है. इन दोनों को फूल बॉडी डिसइनफेक्टेंट मशीन फॉर इनफेसियस डिजीज प्रोटेक्शन, स्मार्ट लैबोरेट्री वर्क स्टेशन, फ्यूम हुड, स्मार्ट वर्क स्टेशन फ्रेम और सैनिटाइजेशन सिस्टम जैसे विषय में पेटेंट मिला है.

कोरोना के समय हुई शुरुआत
पेशे से बिजनेसमैन बरूण के पास ना तो कोई टेक्निकल डिग्री है और ना ही बहुत बड़ा ज्ञान है. इसके बावजूद इनके अंदर हर समस्या का समाधान खोजने का जोश है. इनको कोई भी समस्या दिखती है, तो उसके समाधान के लिए नई चीज बनाने में लग जाते हैं. 2019 के पहले एक रिसर्च पर काम करने के दौरान इनको आईआईटी पटना से जुड़ने का मौका मिला. बरूण बताते हैं कि कोविड काल के दौरान केंद्रीय संस्थानों से आईआईटी पटना को कोविड से जुड़े रिसर्च करने को कहा गया. उस समय मैंने एक टर्नल का डिजाइन तैयार किया, जिसमें जाते ही किसी भी प्रकार के संक्रमण वाले बीमारी के चैन को तोड़ सकते है. इस मशीन को लेकर जून 2020 में पेटेंट मिला. इस मशीन की सराहना एम्स के साथ-साथ कई संस्थानों ने की. उसके बाद से अब तक इनोवेशन का यह सफर जारी है.

पत्नी का रहा है भरपूर सहयोग
इनोवेशन के इस सफर में बरूण के साथ उनकी पत्नी मीनाक्षी ने भी कंधे से कंधा मिलाकर भरपूर सहयोग किया. जब बरूण रिसर्च करते हैं, तब उनकी पत्नी बिजनेस का सारा काम देखती हैं. साथ ही रिसर्च में भी मदद करती हैं. मीनाक्षी बताती हैं कि घर का सारा काम करने के साथ-साथ वो पति के बिजनेस को भी संभालती हैं, ताकि बरूण का सारा ध्यान खोज पर लगा रहे. मुझे भी काम करने में अच्छा लगता है. बरूण बताते हैं कि किसी भी काम में अगर चार हाथ लग जाए, तो सफलता जल्दी मिलती है. पत्नी का भी मेरे इनोवेशन की दुनिया में रोल है. पत्नी सारा काम संभालती है, तभी मैं अलग-अलग डिवाइस बना पाता हूं.

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समस्या का समाधान ढूंढना है लक्ष्य
बरूण बताते हैं कि मुख्य रुप से मेरा काम आपके समस्या का समाधान इनोवेटिव रूप में निकालना है. कहने का मतलब यह हुआ कि आप कोई भी काम कर रहे हैं, लेकिन उस काम में आपको दिक्कत आ रही है और उसका समाधान कहीं नहीं मिल रहा है. ऐसे में मैं कुछ ऐसा डिजाइन करूंगा, जिससे आपके समस्या का समाधान हो जाएगा. इसी सोच के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं. कोशिश है कि साल खत्म होते-होते 15 पेटेंट सर्टिफिकेट हाथों में आ जाए. बरूण आगे बताते हैं कि लोग सर्टिफिकेट के पीछे भागते हैं, लेकिन मैं बिना किसी सार्टिफिकेट के पेटेंट सर्टिफिकेट के पीछे भाग रहा हूं.

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