शादी के पहले शुरू किया था बिजनेस, अब बनाती हैं 10 से ज्यादा जूट प्रोडक्ट, सालाना लाखों में कमाई

[ad_1]

विनय अग्निहोत्री/भोपाल. लोगों के बीच पर्यावरण को लेकर जैसे-जैसे जागरूकता बढ़ रही है, वैसे-वैसे प्लास्टिक की जगह कपड़े या जूट का उपयोग बढ़ता जा रहा है. यही वजह है कि अब कपड़े और जूट से बने बैग व अन्य सामान पॉपुलर हो रहे हैं. हाल में सरकार द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक बैन करने के बाद जूट के प्रोडक्ट की डिमांड बढ़ने की उम्मीद है. ऐसे में जूट उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने ‘लोगो लॉन्च किया है.

राजधानी भोपाल की ममता सिंह ने Local 18 को बताया कि वह 5 साल से जूट के प्रोडक्ट बनाती हैं. इसकी शुरुआत शाजापुर में शादी के पहले हुई थी. पहली बार उन्होंने अपने लिए एक जूट बैग बनाया था. पड़ोसन आंटी को यह बैग बहुत ज्यादा पसंद आया था. उन्होंने बोला कि क्यों न तुम ऐसे ही बैग बनाकर मार्केट में लॉन्च करो. साल 2019 से जूट के बैग बनाने शुरू किए. इसके लिए रॉ मटेरियल गुजरात से आता है. शुरुआती दौर में ₹2000 के बजट से काम शुरू किया था. इस समय साथ में 5 महिलाएं जुड़ी हैं, जो जूट के अलग-अलग प्रोडक्ट बना रही हैं.

जूट से बना रही ये आइटम
ममता ने बताया कि शुरू में जूट का प्रयोग सिर्फ रस्सी के रूप किया जाता था, लेकिन नई तकनीकों से इसके प्रयोग में चेंज हुए और इससे कपड़े, कालीन बनने लगे. इसका प्रयोग आज पैकेजिंग और थैलों के रूप में भी कर सकते हैं. हम जूट से लेडिज बैग, कुशन, डेकोरेटिव आइटम्स, मोबाइल बैग, मोबाइल स्टैंड बनाते हैं. बोरे, हेसियन तथा पैकिंग के कपड़े बनते हैं. कालीन, दरियां, परदे, अस्तर और रस्सियां भी बनती हैं. उन्होंने जूट से तैयार उत्पादों के लिए महिलाओं को प्रशिक्षण देना शुरू किया. जूट से तैयार लैपटॉप बैग, आईपैड बैग, मोबाइल बैग, टी स्पॉट, जूट के गणेश जी, लेडीज बैग, 10 से ज्यादा जूट के प्रोडक्ट बना रहे हैं. जो ₹100 से शुरू 1000 तक के हैं.

सालाना टर्नओवर लाखों में
ममता ने साल 2019 से अब तक 200 से अधिक महिलाओं और युवतियों को मुफ्त प्रशिक्षण दिया है. इसके अलावा इन्होंने एक कोर्स लॉन्च किया है. 8 दिन की वर्कशॉप होती है. उनकी फीस मात्र ₹200 होती है, जिसमें वह जूट के बैग, मोबाइल कवर बैग, टी स्पॉट बनाना सिखाती हैं. आज इस बिजनेस से सलाना लाखों कमा रही हैं.

Tags: Bhopal news, Business, Local18, Womens Success Story

[ad_2]

Source link