पक्का कारोबारी निकला ये लड़का, ना दुकान लगाई ना फैक्ट्री, फिर भी 6400 करोड़ का बिजनेस, बड़ा अनोखा है कारोबार

[ad_1]

Success Story: नए जमाने के युवा उद्यमी कमाई के अलग-अलग तरीके लेकर बाजार में आ रहे हैं. हैरानी की बात है कि घर बैठे कुछ यंग एन्टरप्रिन्योर ने महज 2-3 साल में करोड़ों की कंपनी खड़ी कर ली है. इनमें सबसे दिलचस्प कहानी कबीर बिसवास की है जिन्होंने एक वॉट्सएप ग्रुप के जरिए अपना कारोबार शुरू किया और एक बड़ी कंपनी स्थापित कर ली. हैरानी की बात है कि इस कंपनी का वैल्युएशन अब 6400 करोड़ रुपये है. महज 10 वर्षों में कबीर बिसवास ने इस स्टार्टअप को बुलंदियों पर पहुंचा दिया. इस युवा उद्यमी के बिजनेस मॉडल से कुछ बड़े बिजनेसमैन इस कदर प्रभावित हुए कि उन्होंने भारी-भरकम निवेश कर दिया.

2014 में कबीर बिसवास ने डिलीवरी ऐप Dunzo बनाया. इस इंस्टेंट डिलीवरी सर्विस की शुरुआत वॉट्सएप ग्रुप बनाकर की गई. इसके जरिए लोग अपनी जरूरत का सामान मंगाते थे. धीरे-धीरे यह खास डिलीवरी सर्विस लोगों को पसंद आने लगी. इसका नतीजा यह हुआ कि यह वॉट्सएप ग्रुप, Dunzo डिलीवरी ऐप के तौर पर तब्दील हो गया.

ये भी पढ़ें- रामायण से राजनीति तक, राम जी से आगे रहीं सीता, सालों पहले बनीं सांसद, संपत्ति के मामले में भी दी कड़ी टक्कर

Dunzo के पीछे किसका दिमाग
Dunzo डिलीवरी ऐप को शुरू करने कहानी बड़ी दिलचस्प है. कबीर बिसवास इस ऐप के एकमात्र फाउंडर नहीं हैं. कबीर बिसवास ने पहले स्टार्टअप हॉपर में बदलाव करने के लिए तो उन्होंने अंकुर अग्रवाल, दलवीर सूरी और मुकुंद झा के साथ मिलकर डंज़ो शुरू किया. दरअसल कबीर की पहली कंपनी हॉपर को हाइक ने अधिग्रहित कर लिया.

वॉट्सएप ग्रुप से शुरू हुआ सफर
शुरुआत में Dunzo, ब्लिंकिट और स्विगी इंस्टामार्ट से भी पहले किराने या अन्य जरूरी सामान डिलीवरी करता था. ऐप लॉन्च करने से पहले लोग कंपनी के वॉट्सएप ग्रुप पर ग्राहक अपने ऑर्डर पोस्ट करते थे. धीरे-धीरे डिमांड बढ़ने लगी और ज्यादा ऑर्डर आने लगे तो डंज़ो ऐप बनाया गया. कुछ ही वर्षों में कंपनी ने कई शहरों तक अपनी डिलीवरी सर्विस का विस्तार किया. टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, को मिली इन्वेस्टमेंट से डंज़ो का वैल्युएशन 775 मिलियन अमेरिकी डॉलर (6400 करोड़ रुपये से अधिक) हो गया.

बुरे दिन देख रही कंपनी
हालांकि, अब डंज़ो की आर्थिक स्थिति बदहाल होती जा रही है. पिछले वर्ष कंपनी ने कई बार अपने कर्मचारियों को सैलरी देने में देरी की. वहीं, कंपनी ने FY23 में 1,800 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया है, जो पिछले वर्ष से 288 प्रतिशत अधिक रहा. इतना ही नहीं कंपनी को-फाउंडर्स समेत कई शीर्ष स्तर के अधिकारियों के चले जाने से कंपनी का बिजनेस प्रभावित हुआ.

Tags: Billionaires, Business news in hindi, High net worth individuals, Success Story

[ad_2]

Source link