कभी गुडगांव में की 2000 रुपए की मजदूरी, आज हैं खुद की फैक्ट्री के मालिक, सलाना कमाई भी 30 लाख से ज्यादा

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आशीष कुमार/पश्चिम चम्पारण. पश्चिम चम्पारण जिले के बगहा-2 प्रखंड अंतर्गत विनवलिया गांव निवासी 42 वर्षीय बृजकिशोर जिले के सबसे बड़े होजरी कपड़े के निर्माताओं में से एक हैं. यह जानकर आप चौंक जाएंगे कि कभी दो हजार रुपए महीना कमाने के लिए उन्हें दूसरे राज्य में मजदूरी के लिए जाना पड़ा था. आज उनकी महीने की कमाई ढाई लाख से ज्यादा है. जबकि, सालाना वे लगभग 30 लाख रुपए कमा लेते हैं. दरअसल, गरीबी के कारण 10वीं पास करने के बाद ही बृजकिशोर को मजदूरी के लिए बाहर जाना पड़ा. लेकिन, 10 वर्षों तक मजदूरी करने के बाद उन्होंने कुछ ऐसा कर दिखाया, जो कई लोगों को अब भी सपना जैसा दिखता है.

17 वर्ष की उम्र में करने लगे मजदूरी
बृजकिशोर के पिता छोटे किसान थे. इस कारण 2001 में मैट्रिक की परीक्षा पास कर बृजकिशोर 17 साल की उम्र में मजदूरी के लिए बाहर निकल गए. इस दौरान उन्हें गुड़गांव में कपड़े की एक फैक्ट्री में दो हजार रुपए मजदूरी पर काम मिल गया. 10 वर्षों तक काम करने के बाद बृजकिशोर की मासिक कमाई 8 हजार रुपए हो गई थी. लेकिन, कुछ बड़ा करने की मन में सोच थी. इस बीच एक दिन काम छोड़कर वे घर आ गए. कुछ समय इधर-उधर बिताने के बाद 2016 में बचे हुए रुपए से तीन सिलाई मशीन खरीद ली और होजरी कपड़े की सिलाई करने लगे.

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फैक्ट्री में काम करते हैं दो दर्जन कारीगर
बृजकिशोर बताते हैं कि जिले में ऐसा करने वाले वे अकेले थे, इस कारण उनके पास होजरी कपड़े की सिलाई की डिमांड बढ़ने लगी. 2022 तक अपनी ही कमाई से 10 मशीन का सेटअप बैठा लिया. जबकि, 2023 में PMEGP योजना से लोन लेकर खुद की फैक्ट्री बैठा ली. अब लगभग दो दर्जन कारीगर उनकी फैक्ट्री में विन चीटर, टी शर्ट, ट्रैक पैंट, सॉक्स, इनर वेयर, शर्ट, जैकेट और स्पोर्ट्स वेयर तैयार करते हैं. जिसकी सप्लाई वे जिले के हर क्षेत्रों में करते हैं.

Tags: Bihar News, Champaran news, Success Story

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