ऑफिस में बाबू साहब…. घर में बांसुरी वादक, ऐसी है राजस्थान के संगीत प्रेमी की कहानी, शौक को दी पहचान

[ad_1]

रविन्द्र कुमार, झुंझुनूं:- झुंझुनू के नजदीकी ग्राम पंचायत देरवाला के रहने वाले मुकेश हर्षवाल झुंझुनू के कोर्ट कार्यलय में सहायक लेखा अधिकारी के पोस्ट पर कार्यरत हैं. मुकेश बचपन से ही बांसुरी बजाने का शौक रखते हैं. वे जब भी मेले वगैरह में जाते थे, तब वहां से खुद के लिए बांसुरी जरूर अपने साथ लेकर आते थे. मुकेश कुमार ने लोकल 18 को बताया कि उन्हें ये शौक बचपन से था. लेकिन उन्होंने सही तरीके से बांसुरी बजाना पिछले चार-पांच साल में ही सीखा है.

मुकेश ने बताया कि जितने भी म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट हैं, सब उन्हें पसंद थे. लेकिन सबसे ज्यादा उन्हें बांसुरी ही पसंद आई, क्योंकि यह बांस की एक छड़ी से बनी होती है और इसकी आवाज काफी मधुर होती है. उन्होंने कहा कि फागुन के महीने में बजाने वाली बांसुरी से भी उन्होंने काफी कुछ सीखा. फागुन के महीने में बांसुरी की धुन सुन वे काफी प्रभावित होते थे. तब उन्होंने बांसुरी बजाने की ठानी. इसके लिए सबसे पहले मंडावा से गोविंद गहलोत से उन्होंने बांसुरी सीखी.

पूरे राजस्थान की सैर
मुकेश कुमार ने बताया की बांसुरी सीखने व बजाने के लिए अभी तक वह पूरे राजस्थान में घूम चुके हैं. शायद ही ऐसा कोई जिला हो, जहां पर उन्होंने बांसुरी नहीं बजाई हो. इसके अलावा विदेशों से भी उन्हें काफी ऑफर आते हैं. लेकिन सरकारी जॉब में होने के कारण वहां बांसुरी पर नहीं जा पाते हैं. मुकेश कुमार ने बताया कि वह झुंझुनू कोर्ट परिसर में सहायक लेखा अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं. अपने शौक को जिंदा रखने के लिए छुट्टी के समय में वह बांसुरी वादन करते हैं.

ये भी पढ़ें:- पशुपालक हो जाएं सावधान! जानवरों में तेजी से फैल रही ये बीमारी, जान लें लक्षण और बचाव के उपाय

शौक के लिए बजाते हैं बांसुरी
बांसुरी वादन से कमाई के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि वह बांसुरी सिर्फ शौक के लिए बजाते हैं. जो बच्चे पैसों के अभाव में या किसी कारणवश बांसुरी बजाना नहीं सीख पाते हैं, तो उन्हें वह नि:शुल्क शिक्षा देते हैं. उन्होंने अपना एक यूट्यूब चैनल भी बना रखा है, जिसपर वो लोगों को बांसुरी बजाना सीखाते हैं.

Tags: Jhunjhunu news, Local18, Rajasthan news, Success Story

[ad_2]

Source link