आसान नहीं था आदर्श का सेकेंड टॉपर बनने का सफर, पिता मजदूरी कर भेजते थे पैसा…तब खरीदता था सेकेंड हैंड किताबें

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अमित कुमार/समस्तीपुर : कहते हैं कि जब मन में दृढ़ इच्छाशक्ति और कुछ कर गुजरने की तमन्ना हो तो हर मुश्किल सफर आसान लगने लगता है. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है समस्तीपुर जिला के विद्यापति नगर प्रखंड के दमदमा गांव निवासी आदर्श कुमार ने. 10वीं की परीक्षा में वो सेकंड स्टेट टॉपर हैं. उनको 500 में से 488 अंक आया है, लेकिन इनका सफर आसान नहीं था. पिता मामूली मजदूरी और माता सिलाई करती हैं. आगे IIT करना चाहते हैं.

पिता भेजते थे पैसा तब खरीदता था किताब और कॉपी
रामनाम महतो और नीलम देवी के पुत्र आदर्श कुमार की सफलता इतनी आसान नहीं थी. मैट्रिक परीक्षा के परिणाम में 488 अंक लाकर पूरे बिहार में दूसरा स्थान प्राप्त कर अपने परिवार के साथ शिक्षकों, शुभचिंतकों एवं क्षेत्रवासियों को गौरवान्वित किया है. आदर्श ने बताया कि पिता रामनाम महतो दिल्ली में मजदूरी कर अपना परिवार चलाते हैं. जबकि मां नीलम देवी गृहणी हैं.

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आदर्श विद्यापति उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मऊ वाजिदपुर (उत्तर) का छात्र है, जबकि उसने मैट्रिक परीक्षा की तैयारी स्टडी प्वाइंट नामक एक निजी शिक्षण संस्थान से की है. आदर्श के चाचा वैद्यनाथ महतो एवं देवनाथ महंतों शिक्षक हैं. वह आगे आईआईटी करना चाहते हैं.

संसाधन के अभाव में की पढ़ाई
आर्दश की मां नीलम देवी अपने बेटे की इस सफलता पर काफी खुश हैं. उन्होंने कहा कि सिलाई मशीन चला कर और पिता फैक्ट्री में मजदूरी कर इस मुकाम तक इन्हें पहुंचाया है. मैट्रिक परीक्षा परिणाम में राज्य भर में दूसरे स्थान पर रहने वाले आदर्श कुमार संसाधन के अभाव में भी अपनी मेहनत और लगन के बल पर 488 अंक प्राप्त कर एक नया कीर्तिमान रचा है. उसके पिता पिछले कई वर्षों से दिल्ली में रहकर मजदूरी करते हैं. आदर्श की देखभाल एवं शिक्षा-दीक्षा उनके चाचा वैद्यनाथ महतो एवं देवनाथ महंतों के द्वारा की जा रही है.

Tags: Bihar board result, Local18, Success Story

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