Opinion: पीएम मोदी के नेतृत्व में देश ने रक्षा उत्पादन में लगातार तरक्की की है

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रक्षा क्षेत्र किसी भी देश के सर्वोच्च प्राथमिकता में सम्मिलित होता है। भारत जैसी विशाल सीमा वाला देश आज कई मोर्चो पर निरतंर रक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है। एक ओर चीन से भारत निरंतर सीमा विवाद का सफलतापूर्वक सामना कर रहा है वहीं पाकिस्तान दशकों से जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को खुलेआम समर्थन देकर हथियार और साजो सामान की मदद करने में जुटा है।

बदलती हुई वैश्विक सामरिक परिस्थितियों को देखते हुए आज भारत के सामने कई चुनौतियां हैं। एक ओर पाकिस्तान जम्मू कश्मीर में हथियार और पंजाब में ड्रग्स भेजने के लिए ड्रोन का तेजी से प्रयोग कर रहा है वहीं मिलिट्री सैटेलाइट का प्रयोग का चीन भारत की हर गतिविधि पर नजर रख रहा है। दशकों तक भारत अपनी हर छोटी-बडी रक्षा जरुरत के सामान का आयात करता रहा। तत्कालीन विपक्षी सरकारो के शासनकाल में रक्षा उत्पादन हमेशा उपेक्षा का शिकार रहा और इसकी भारी कीमत भारत उठाता रहा। सामरिक परिस्थितियों को देखते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भारत के रक्षा क्षेत्र में आमूल बदलाव कर स्वदेश में रक्षा उत्पादन में बढ़ोत्तरी पर सतत जोर दिया है।

पीएम मोदी की कुशल नीतियों के चलते रक्षा उत्पादन पहली बार 1 लाख करोड़ से अधिक हुआ
मोदी सरकार की कुशल नीतियो के फलस्वरूप वित्तीय वर्ष 2022-23 में रक्षा उत्पादन पहली बार 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो गया। वर्तमान में कुळ 1,06,800 करोड़ रुपए का उत्पादन हो चुका है और कुछ और निजी रक्षा उद्योगो से आंकडे मिलने के बाद इसके ओर बढ़ने की संभावना है। बीते वित्तीय वर्ष 2021-22 में 95 हजार करोड़ रुपए के मुकाबले इसमें 12 प्रतिशत से अधिक वृद्धि दर्ज की गई है।

सरकार रक्षा उत्पादन को बढाने के लिए रक्षा उद्योगों के साथ निरंतर विचार विमर्श कर रही है और उद्योगों के सामने आने वाली चुनौतियों को दूर करने की दिशा में अग्रसर है। मोदी सरकार ने इस संबंध में कई नीतिगत फैसले लिए हैं जिससे व्यापार करने में सुगमता रहे। इसके बाद मोदी सरकार ने एमएसएमई और स्टार्टअप को सप्लाई चेन के साथ जोड़ने के लिए कई कदम उठाए हैं।

मोदी सरकार की इस सफल नीतियों के परिणाम स्वरुप एमएसएमई और स्टार्ट अप आज तेजी से डिफेंस डिजाइन,विकास,निर्माण में तेजी से सामने आ रहे हैं और इसके चलते बीते 7-8 साले में डिफेंस लाइसेंस में लगभग 200 फीसदी का बड़ी बढोत्तरी दर्ज की गई है। इसके परिणामस्वरुप देश में तेजी से रोजगार के अवसरो भी बढ़े हैं। वर्ष 2018-19 में भारत विदेश से 46 फीसदी सैन्य साजो सामान की खरीद करता था वहीं दिसंबर 2022 में घटकर यह 36.7 प्रतिशत रह गया।

स्वदेशी रक्षा उत्पादन में अपनी पैठ बना रहा है भारत

रक्षा उत्पादन में वृद्धि के परिणामस्वरुप आज भारत रक्षा निर्यात के क्षेत्र में भी दुनिया भर में अपना झंडा गाड रहा है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में भारत ने अब तक के सबसे अधिक 16 हजार करोड़ रुपए का निर्यात किया। यह बीते वित्तीय वर्ष से 3 हजार करोड़ रुपए अधिक था। अगर वर्ष 2016-17 से रक्षा निर्यात में 10 गुने की वृद्धि दर्ज की गई है। आज भारत दुनिया के 85 देशों को रक्षा साजो सामान का निर्यात कर रहा है और करीब 100 फर्म रक्षा निर्यात में जुटी हैं।
मोदी सरकार की कुशल नीतियो के फलस्वरुप एक ओर जहां भारत सैन्य साजो सामान का स्वदेश में ही तेजी से उत्पादन कर रहा है वहीं इससे विदेशी देशों और कंपनियों पर भारत की निर्भरता भी कम हुई है। इससे भारत रक्षा क्षेत्र में एक विश्व गुरु बनने की राह में तेजी से अग्रसर है.

(डिस्‍क्‍लेमर- ये लेखक के निजी विचार हैं.)

Tags: Modi

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