Opinion: कोरोना को लेकर मोदी सरकार की पूरी तरह सतर्क हैं, घबराएं नहीं, बस सावधानी बरतें

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चीन कोरोना की अब तक की सबसे बड़ी लहर के प्रकोप से जूझ रहा है। कोविड-19 का संक्रमण तेज रफ्तार से बढ़ रहा है। मेडिकल रिपोर्ट्स के मुताबिक आने वाले दिनों में चीन में 80 करोड़ से भी ज्यादा लोग कोविड-19 वायरस के नए वेरियंट से संक्रमित हो सकते हैं। रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि चीन में कोरोना से कम से कम 5 लाख लोगों की मौत हो सकती है, वहीं दूसरी तरफ चीन का आधिकारिक आंकड़ा इन दावों को गलत बता रहा है। दरअसल, चीन सिर्फ उन्हीं मौतों को कोविड से हुई मौत बता रहा है, जिनमें लोगों की मौत सांस से जुड़ी बीमारियों की वजह से हुई है। हालांकि, चीन का ये तरीका WHO के मानकों के खिलाफ है। लंदन की ग्लोबल हेल्थ इंटेलिजेंस एजेंसी एयरफिनिटी का दावा है कि चीन में रोजाना 10 लाख केस आ रहे हैं और 5 हज़ार लोगों की मौत हो रही है। चीन से आ रही तस्वीरें इस दावे की पुष्टि भी कर रही हैं और डर-दहशत की कहानी बयां कर रही हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन में हालात इस कदर बेकाबू हैं कि लोगों को दवाइयां तक नहीं मिल पा रही हैं और जिन्हें मिल भी पा रही हैं उन्हें भी उसके लिए 100 गुना तक ज्यादा कीमत चुकानी पड़ रही है। मेडिकल स्टोर्स के बाहर लोगों की लंबी-लंबी कतार देखी जा रही है। अस्पताल में मरीजों के लिए जगह नहीं हैं। स्कूलों में बच्चों को क्लासरुम में ही ड्रिप लगाई जा रही है। शवों के अंतिम संस्कार के लिए 20-21 दिन तक का इंतजार करना पड़ रहा है। दावां तो ये भी किया जा रहा है कि शवों से भी संक्रमण फैल रहा है। चीन के साथ अमेरिका, जापान, साउथ कोरिया, फ्रांस, ब्राजील और जर्मनी में भी कोविड के नए संक्रमण से हालात चिंताजनक बताए जा रहे हैं। ऐसे में लोगों की चिंताए भारत में भी कोविड-19 के नए संक्रमण के खतरे को लेकर बनी हुई है। चिंताएं वाजिब भी हैं, क्योंकि 2020 में पहली लहर और 2021 में डेल्टा वेरियंट की लहर में जो हालात बने थे वो वाकई डराने वाले थे, लेकिन सरकार की मुस्तैदी और टीके पर वैज्ञानिकों की मेहनत ने भारत को ना सिर्फ कोविड-19 की लहर से निपटने और बाहर निकलने में मदद की बल्कि दुनिया में कोविड मैनेजमेंट की मिसाल भी बनी। इस बार भी सरकार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोविड-19 के मौजूदा हालात को देखते हुए पहले से ही मुस्तैद है।

चीन के हालात पर सरकार की नजर
चीन समेत दुनिया के अन्य देशों में कोविड-19 के नए हालात को देखते हुए केंद्र सरकार भी बेहद गंभीर है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हालात पर नजर बनाए हुए हैं। गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी ने हालात की समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक की, अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए। प्रधानमंत्री ने लोगों से भी मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करने की अपील की है। प्रधानमंत्री की बैठक से पहले संसद में स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने जानकारी दी। उन्होंने कहा- “स्वास्थ्य मंत्रालय दुनिया के कई देशों में खराब हो रही स्थिति पर नजर बनाए हुए है और देश में पहले से ही इसके लिए कदम उठाने शुरु कर दिए हैं। सरकार तकनीकी मदद के एनडीआरएफ, आयुष्मान योजना और दूसरी सरकारी योजनाओं के जरिए कोविड-19 के नए हालात के मुकाबले की तैयारी कर रही है। राज्यों को जीनोम सीक्वेंसिंग बढ़ाकर कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की भी सलाह दी गई है।” विदेशों से आने वाले लोगों के लिए सरकार ने एयरपोर्ट्स पर रैंडम टेस्टिंग की शुरूआत कर दी है। स्वास्थ्य मंत्री ने देश को ये भरोसा भी दिलाया कि देश में लोगों को घबराने की जरुरत बिल्कुल भी नहीं है। बल्कि घबराने की बजाय लोग कोविड-19 को लेकर सावधानी जरूर बरतें।

प्राकृतिक प्रतिरोधक क्षमता कारगर
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि भारत में चीन जैसे हालात अब नहीं हो सकते हैं या यूं कहिए कि नहीं होंगे। उनके पास इसके लिए अपने तर्क भी हैं, जो सटीक बैठते हैं। वाराणसी में बीएचयू के प्रोफेसर और कोविड-19 पर रिसर्च कर रहे ज्ञानेश्वर चौबे कहते हैं “नया वैरियंट भारत में ज्यादा प्रभावी नहीं होगा क्योंकि भारत में ज्यादातर लोगों में प्राकृतिक तौर पर प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो चुकी है। एक अनुमान के मुताबिक भारत में अब तक 90 फीसदी आबादी किसी ना किसी तरह से कोविड-19 के संक्रमण से गुजर चुकी है और उनमें प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो चुकी है, ऐसे में अब इनमें संक्रमण का खतरा बेहद कम है। जबकि चीन में अब तक ज़ीरो कोविड केस प्रोटोकॉल लागू था, लेकिन जैसे ही प्रतिबंध हटाए गए, संक्रमण हवा की रफ्तार से फैलने लगा है। चीन में लोग प्राकृतिक तौर पर संक्रमित नहीं हुए थे, अब हो रहे हैं इसलिए केस लगातार बढ़ रहे हैं।”

कोविड टीकाकरण बना कवच
प्राकृतिक प्रतिरोधक क्षमता के अलावा कोविड-19 की वैक्सीन ने कोरोना के खिलाफ भारत की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। रिकॉर्ड समय में भारत के वैज्ञानिकों ने 2 वैक्सीन तैयार की और सरकार की मदद से उन्हें देश के कोने-कोने में पहुंचाया गया। सबसे पहले संक्रमण के संभावित उम्र वर्ग के लोगों को टीके से सुरक्षित किया गया और फिर उन्हें दूसरे उम्र वर्ग के लोगों तक पहुंचाया गया। अब तक 135 करोड़ की आबादी वाले भारत में कोविड-19 वैक्सीन के 220 करोड़ डोज लगाए जा चुके हैं। इनमें पहला, दूसरा और बूस्टर डोज़ यानी तीनों शॉट्स शामिल हैं। भारत में सीनियर सिटीजन और कोमोबिलिटी बीमारियों से पीड़ित 100 प्रतिशत आबादी का टीकाकरण हो चुका है। हालांकि, डॉक्टर्स बताते हैं कि वैक्सीन से बनी प्रतिरोधक क्षमता के मुकाबले प्राकृतिक प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा लंबे समय तक असरदार और ज्यादा प्रभावी रहती है। जबकि चीन ने टीकाकरण के मामले में भी कोई खासा उत्साह नहीं दिखाया था। ICMR के पूर्व महानिदेशक एन के गांगुली कहते हैं कि चीन की खराब हालत के पीछे वैक्सीनेशन का सही तरीके से नहीं होना बड़ी वजह है। चीन खुद के वैक्सीन पर निर्भर रहा, दूसरे देशों के वैक्सीन को दरकिनार किया। आंकड़ों के मुताबिक चीन में करीब 40 फीसदी आबादी को ही टीके से सुरक्षित किया गया है। सीनियर सिटीजन के मामले में तो ये आंकड़ा और भी कम है, चीन के सिर्फ 10 प्रतिशत सीनियर सिटीजन ही वैक्सीनेटेड हैं। लिहाजा संक्रमण का खतरा ज्यादा है। सवाल चीन के कोविड टीके की प्रभावी क्षमता पर भी उठ रहे हैं।

मुस्तैदी भी आई काम
भारत में कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में लॉकडाउन एक कारगर उपाय साबित हुआ। दोनों मुख्य लहरों 2020 और 2021 के दौरान लॉकडाउन और आंशिक प्रतिबंधों के साथ एक ओर तो कोविड के बेकाबू रफ्तार पर ब्रेक लगी तो दूसरी तरफ लोगों में प्राकृतिक प्रतिरोधक क्षमता विकसित हुई। जैसे-जैसे लोगों में संक्रमण बढ़ रहा था, दूसरी तरफ वैक्सीनेशन की रफ्तार भी बढ़ रही थी और इन दोनों को मिलाकर लोगों में एक हाईब्रिड प्रतिरोधक क्षमता भी बनी जो अब भी कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में कारगर हथियार साबित हो रहा है। इसके अलावा सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क, सैनेटाइजेशन और क्वारंटीन जैसे उपायों ने कोविड-19 के प्रसार को रोकने में बेहद मददगार साबित हुई हैं।

चीन में कोविड-19 के जिन वैरियंट ने तबाही मचाई है, वो ओमिक्रॉन का BF.7 वर्जन है। AIIMS के पूर्व डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया का दावा है कि ओमिक्रॉन का ये वैरियंट भारत में कुछ वक्त पहले ही मौजूद है, लेकिन उसका प्रभाव चीन के मुकाबले भारत में बेहद कम है। इसलिए वो भी लोगों को घबराने की बजाय सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं.

(डिस्‍क्‍लेमर- ये लेखक के निजी विचार हैं.) 

Tags: Corona Virus, PM Modi, Pm narendra modi

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