NDA में सेलेक्‍ट होने वाली ‘सानिया मिर्जा’ कब बन सकेंगी ‘फाइटर पायलट’, जानें क्‍या हैं नियम?

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#SaniaMirza: सोशल मीडिया में आज सुबह से एक खबर ट्रेंड कर रही है. खबर है कि उत्‍तर प्रदेश के मिर्जापुर की रहने वाली सानिया मिर्जा देश की पहली मुस्लिम फाइटर पायलट बन गईं हैं. इस ट्रेंडिंग न्‍यूज को लेकर पहला सवाल यही है कि क्‍या यह सही है? तो इसका जवाब है – नहीं.

सानिया मिर्जा को फाइटर पायलट बनने का ख्‍याब पूरा करने के लिए न केवल 4 साल का लंबा इंतजार करना होगा, बल्कि एनडीए ट्रेनिंग के दौरान अपनी परफार्मेंस को बेहतर रखते हुए मेरिट में भी जगह बनानी होगी. चलिए, आज आपको बताते हैं कि एनडीए में सेलेक्‍शन से लेकर फाइटर पायलट बनने तक का पूरा सफर.

दरअसल एनडीए में सेलेक्‍शन के बाद उम्‍मीदवार की ब्रांच तय की जाती है. फ्लाइंग ब्रांच के लिए चुने गए उम्‍मीदवारों को पुणे स्थित नेशनल डिफेंस अकादमी (एनडीए) में प्रशिक्षण के लिए भेजा जाता है. यहां फ्लाइंग ब्रांच के सभी उम्‍मीदवार वायु सेना कैडेट के रूप में तीन वर्षीय प्रशिक्षण का हिस्‍सा बनते हैं.

एनडीए में फ्लाइंग ब्रांच के लिए चयनित उम्‍मीदवारों और आर्मी-नेवी ब्रांच के लिए चयनित उम्‍मीदवारों का संयुक्‍त प्रशिक्षण होता है. इस संयुक्‍त प्रशिक्षण की अवधि 3 वर्ष होती है. यहां संयुक्‍त प्रशिक्षण का उद्देश्य डिफेंस की तीनों सेवाओं के बीच संयुक्त कौशल को बढ़ावा देना है, इसलिए सभी के लिए यह प्रशिक्षण एक जैसा ही होता है.

एनडीए में संयुक्‍त प्रशिक्षण के आखिरी चरण में वायुसेना कैडेटों को 6 माह की बेसिक फ्लाइट ट्रेनिंग कराई जाती है. एनडीए से पास आउट होने के बाद वायुसेना के कैडेट को उड़ान प्रशिक्षण के लिए तेलंगाना के डुंडिगल स्थित इंडियन एयरफोर्स एकेडमी भेजा जाता है. डुंडिगल स्थित इंडियन एयरफोर्स एकेडमी उड़ान प्रशिक्षण की अवधि एक वर्ष की होती है.

साल के अंत में, उम्‍मीदवार की योग्‍यता और कौशल के आधार पर मेरिट तैयार की जाती है. इसी मेरिट के आधार पर प्रशिक्षण पूरा करने वाले कैडेट्स की स्‍ट्रीम तय की जाती है, यहीं पर यह निर्धारित होता है कि कैडेट फाइटर पायलट बनेगा, हेलीकॉप्‍टर उड़ाएगा या फिर ट्रांसपोर्ट पायलट बनेगा. हां, स्‍ट्रीम तय करते समय कैडेट्स की पसंद को भी ध्‍यान में रखा जाता है.

मिर्जापुर की सानिया मिर्जा फिलहाल एनडीए के लिए चयनित हुई हैं. उन्‍हें पहले तीन वर्ष नेशनल डिफेंस एकेडमी में ट्रेनिंग करनी होगी. इसके बाद, एक साल की फ्लाइंग ट्रेनिंग इंडियन एयरफोर्स एकेडमी में पूरी करनी होगी. प्रशिक्षण के दौरान उन्‍हें अपना कौशल और योग्‍यता साबित करनी होगी, तभी उनका फाइटर पायलट बनने का सपना पूरा होगा.

Tags: Air force, Indian army, Ministry of defence

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