Journey of Ice-Cream: 5000 साल से ज्‍यादा पुराना है आइसक्रीम का स्‍वाद, अकबर भी थे इसके शौकीन

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Journey of Ice-Cream: गर्मियों के मौसम में आइसक्रीम खाने का अलग ही आनंद है. वहीं, कुछ लोग हल्‍की सर्दियों में भी आइसक्रीम खाना पसंद करते हैं. बाजार में आइसक्रीम के कई फ्लेवर मिलते हैं. आइसक्रीम ने अपने मौजूदा स्‍वरूप में आने में हजारों साल की और लाखों किमी की यात्रा की है. समय के साथ आइसक्रीम को बनाने के तरीके से लेकर फ्लेवर्स में भी बहुत बदलाव हुआ है. बताया जाता है कि पहली बार आइसक्रीम बनने के बाद भारत तक पहुंचने में 4500 साल लगे.

आइसक्रीम को शुरुआती दौर में कुल्‍फी ही कहा जाता था. हालांकि, आज भी कुल्‍फी कई फ्लेवर्स में मिलती है. कुल्‍फी पारसी शब्‍द है. इस आधार पर कहा जा सकता है कि कुल्फी पहली बार ईरान में बनाई गई थी. कुल्‍फी लकड़ी और धातु के बड़े कंटेनर में बंद करके जमाई जाती है. अमूमन इसे दूध से बनाया जाता है. वहीं, ईरान के लोग 600 ईसा पूर्व ही फलों के जूस में बर्फ को मिलना सीख गए थे. ग्रीस और अरब होते हुए स्‍वाद औश्र ठंडक से भरपूर आइसक्रीम ने पश्चिमी देशों की यात्रा की.

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आइसक्रीम का आविष्कार चीन में 3000 ईसा पूर्व यानी तकरीबन 5000 साल पहले हुआ.

सबसे पहली बार कहां बनी आइसक्रीम
आइसक्रीम के इतिहास को लेकर कई धारणाएं हैं. कुछ का मानना है कि आइसक्रीम का आविष्कार चीन में 3000 ईसा पूर्व यानी तकरीबन 5000 साल पहले हुआ. वहीं, कुछ का मानना है कि इटली के एक व्यापारी मार्कोपोलो ने पहली बार आइसक्रीम डिश बनाई थी. आइसक्रीम का जिक्र सबसे पहली बार 500 ईसा पूर्व ईरान के अचमेनिद साम्राज्य में भी मिलता है. कहा जाता है कि फारसियों ने 400 ईसा पूर्व ही बर्फ से कई फ्लेवर की आइसक्रीम बनाना शुरू कर दी थी. इसके अलावा ये भी कहा जाता है कि 200 ईसा पूर्व के आसपास चीन में आइसक्रीम बनाने के लिए दूध और चावल का इस्तेमाल होता था. ये कुछ-कुछ भारत में मिलने वाली ठंडी खीर जैसी होती थी.

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अमेरिका, दक्षिण एशिया तक कैसे पहुंची
कुछ धारणाओं के मुताबिक, मार्कोपोलो ने 1254 से 1324 के बीच चीन की यात्रा की थी. उन्‍होंने चीन में ही आइसक्रीम बनाने की रेसिपी सीखी. मार्कोपोलो के इटली में आइसक्रीम बनने के बाद फ्रांस पहुंची. इसके बाद यहां से आइसक्रीम ने अमेरिका का सफर तय किया. आइसक्रीम 17वीं शताब्दी में इंग्लैंड पहुंची. वहीं, मुगल बादशाहों के साथ आइसक्रीम दक्षिण एशिया आई. चीन के यूवराज झांगहुई के मकबरे पर एक पेंटिंग बनी है. इसमें कुछ महिलाएं आइसक्रीम खाती हुई दिख रही हैं. इस आधार पर माना जाता है कि चीन में 5000 ईसा पूर्व कुल्‍फी जैसी डिश खाने का चलन था.

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भारत में आइसक्रीम मुगल बादशाहों के साथ पहुंची.

भारत तक कुछ ऐसे पहुंची आइसक्रीम
फ्रांस के शासक नीरो के बारे में भी कहा जाता है कि वह फलों के रस से बनी आइसक्रीम खाने के शौकीन थे. अगर भारत की बात करें तो यहां आइसक्रीम मुगल बादशाहों के साथ पहुंची. ऐसे दस्‍तावेज मिलते हैं, जो बताते हैं कि बादशाह अकबर के लिए आइसक्रीम जैसा ठंडा डेजर्ट बनाया गया था. इसकी रेसिपी आइना-ए-अकबरी और अकबरनामा में मिलती है. आइसक्रीम को बड़े पैमाने पर बनाने के लिए 1851 में इंसुलेटेड आइस हाउस का अविष्‍कार किया गया. इसके बाद शाही परिवारों और अमीर लोगों तक सीमित आइसक्रीम आम आदमी की पहुंच में भी आई. इसी के बाद हर आम और खास आदमी आइसक्रीम का स्‍वाद लेने लगे.

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