11 टेस्ट खिलाड़ी तैयार करने वाले कोच ने 2 गेंद में परख लिया था टैलेंट, फिर वो किया, जो धोनी नहीं कर पाए

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नई दिल्ली. भारतीय क्रिकेट में बीते कुछ सालों में कई युवा खिलाड़ियों ने तेजी से अपनी पहचान बनाई है. इसमें से एक हैं विकेटकीपर बल्लेबाज ईशान किशन. अंडर-16, अंडर-19 से होता हुआ उनका क्रिकेट का सफर अब टीम इंडिया तक आ पहुंचा है. उन्हें इंटरनेशनल क्रिकेट में बहुत ज्यादा वक्त तो नहीं बीता है. लेकिन, उनकी पहचान एक आक्रामक बल्लेबाज के रूप में स्थापित हो चुकी है. इसका सबूत है उनका वनडे और टी20 डेब्यू. ईशान ने दोनों ही फॉर्मेट में जो पहली गेंद खेली, उसपर बाउंड्री लगाई है.

ईशान ने पिछले साल मार्च में इंग्लैंड के खिलाफ अपना टी20 डेब्यू किया था और अपने पहले ही इंटरनेशनल मैच में अर्धशतक ठोक दिया था. वो प्लेयर ऑफ द मैच भी चुने गए थे. ईशान ने इसके 4 महीने बाद श्रीलंका के खिलाफ वनडे डेब्यू किया. जिस तरह ईशान ने टी20 डेब्यू पर पहली गेंद पर चौका जड़ा था. ठीक, वैसे ही वनडे की पहली गेंद पर उन्होंने छक्का जड़ा था. वनडे डेब्यू पर भी उन्होंने अर्धशतक ठोका था. आज इन्हीं ईशान किशन का जन्मदिन है.

ईशान का जन्म वैसे तो बिहार की राजधानी पटना में 18 जुलाई, 1988 को हुआ था. लेकिन, उन्होंने क्रिकेट खेला, उस झारखंड से, जिसने भारत को महेंद्र सिंह धोनी के रूप में सबसे सफल कप्तान दिया. ईशान काफी कम उम्र में ही बिहार छोड़कर क्रिकेट खेलने के लिए झारखंड आ गए थे. उनकी किस्मत अच्छी रही है कि वहां एक सीजन खेलने के बाद अंडर-16 के दो दर्जन खिलाड़ी ओवरएज हो गए. इसके बाद ओपन ट्रायल रखा गया था. तब तारक सिन्हा सेलेक्टर थे. ईशान ने भी इस ट्रायल में हिस्सा लिया था. इससे जुड़ा किस्सा उन्होंने ‘ब्रेकफास्ट विद चैम्पियंस’ शो पर सुनाया था.

2 गेंद में ही सेलेक्टर ने टैलेंट पहचान लिया था
ईशान ने इस शो में बताया था, “मैं बल्लेबाजी के लिए गया, पहली गेंद पर पुल मारा और दूसरी पर ड्राइव. इसके बाद ही तारक सर ने मुझे हटा दिया. मैं हैरान था, सिर्फ दो गेंद में ही वापस बुला लिया. इस ट्रायल से तीन-चार खिलाड़ियों का सेलेक्शन हुआ, इसमें मेरा भी नाम था. मैंने सोचा कि उन्होंने 2 गेंद में ऐसा क्या देख लिया. लेकिन, तारक सर की बात ही अलग थी. यहीं से मेरे झारखंड की तरफ से खेलने की शुरुआत हुई.

बता दें कि तारक सिन्हा दिल्ली में सोनेट क्रिकेट चलाते थे और उन्होंने 11 टेस्ट क्रिकेटर तैयार किए थे. वो  ऋषभ पंत, शिखर धवन, आशीष नेहरा जैसे खिलाड़ियों के गुरु थे.

झारखंड के लिए फर्स्ट क्लास में सबसे बड़ी पारी खेली
ईशान ऐज ग्रुप क्रिकेट खेलते-खेलते झारखंड की रणजी टीम में पहुंचे और उन्होंने झारखंड के लिए वो कर दिखाया, जो महेंद्र सिंह धोनी भी नहीं कर पाए. 2016 के रणजी ट्रॉफी सीजन में ईशान ने दिल्ली के खिलाफ 273 रन की पारी खेली थी, जो झारखंड क्रिकेट के इतिहास का सबसे बड़ा स्कोर था, यह रिकॉर्ड आज भी बरकरार है.

इसके बाद उनकी भारतीय टीम में एंट्री हुई. उन्हें 2016 में बांग्लादेश में हुए अंडर-19 विश्व कप के लिए भारतीय टीम का कप्तान बनाया गया. उनकी कप्तानी में भारत फाइनल तक पहुंचा था. लेकिन, वेस्टइंडीज ने उसे खिताब नहीं जीतने दिया था. भारत के लिए यह टूर्नामेंट सफल रहा था. लेकिन कप्तान के तौर पर ईशान का बल्ला खामोश ही रहा. उन्होंने 6 पारियों में 73 रन बनाए थे.

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आईपीएल से तय किया टीम इंडिया का सफर
इसके बावजूद उन्हें आईपीएल फ्रेंचाइजी गुजरात लॉयंस ने 2016 में 17 साल की उम्र में 35 लाख में खरीदा. फिर 2018 में मुंबई इंडियंस ने उन्हें 6 करोड़ की मोटी रकम देकर अपने साथ जोड़ा. तब से ही वो इस टीम के साथ हैं. 2020 में उन्होंने मुंबई के लिए 14 मैच में 145 से ज्यादा के स्ट्राइक रेट से 500 से अधिक रन बनाए थे और टीम को चैम्पियन बनाने में मदद की थी. हालांकि, 2021 में कुछ खास नहीं कर सके. इसके बावजूद 2022 में हुए मेगा ऑक्शन में मुंबई ने उन्हें 15.25 करोड़ की सबसे ऊंची कीमत देकर खरीदा था. वो नीलामी में बिके सबसे महंगे खिलाड़ी बने थे.

इसके बाद उनका भारत के लिए खेलने का सपना भी पूरा किया. उन्होंने पिछले साल ही वनडे और टी20 दोनों डेब्यू किया.

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