श्रीमाली समाज की अनोखी परंपरा, यहां शादी में दूल्हा और दुल्हन की माता लेती हैं फेरे

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निशा राठौड़/उदयपुर. शादियों में हर समाज के अपने अलग रीति-रिवाज और परंपरा होती है, लेकिन क्या आपने कभी दूल्हे की मां और दुल्हन की मां के बीच में फेरे होते देखा है. राजस्थान के उदयपुर के श्रीमाली समाज में दूल्हा-दुल्हन के शादी के फेरे से पूर्व दोनों समधनों (दूल्हे और दुल्हन की मां) के बीच आपस में फेरे होते है. खास बात है कि यह परंपरा सैकड़ो वर्षों से चली आ रही है.

श्रीमाली समाज के अध्यक्ष मोहन श्रीमाली ने बताया कि यह रस्म वर्षों से चली आ रही है. दूल्हा और दुल्हन के परिवारों को जोड़ कर रखने में समधनों की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है, इसलिए यह फेरे कराए जाते हैं. ताकि परिवार में प्रेम और एकता बनी रहे और किसी भी बात को लेकर आपस में कोई विवाद ना हो. इसके साथ ही, शादी में दूल्हा-दुल्हन के सात की जगह आठ फेरे होते हैं.

बता दें कि, श्रीमाली समाज विष्णु भगवान और माता लक्ष्मी के वंशज माने जाते हैं. माता लक्ष्मी को यह अपनी कुलदेवी के रूप में पूजते हैं. इसके चलते बताया जाता है कि जब भगवान कृष्ण का रुक्मणी से विवाह हो रहा था तब उनकी माताओं के बीच किसी बात को लेकर विवाद हुआ. इसके बाद, भगवान ने पहले अपनी माताओं के फेरे कराएं और इसके बाद स्वयं विवाह किया था. इस कारण से यह रस्म निभाई जाती है.

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FIRST PUBLISHED : May 24, 2023, 13:17 IST

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