लोकसभा में चर्चा में भाग न ले सकने वाले सांसदों को भाषण की ‘साफ्ट कॉपी’ मेल करनी होगी, जानें मामला

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हाइलाइट्स

सदस्यों से कहा गया है कि भाषणों की ‘साफ्ट कॉपी’ एमएस वर्ड प्रारूप में प्रदान करें
नई व्यवस्था होने की वजह से राहत के तौर पर हार्ड कॉपी भी जमा कर सकते हैं सदस्य
हिंदू भाषणों को शामिल करने के लिए लोकसभा की वेबससाइट पर जारी किया गया लिंक

नई दिल्ली: लोकसभा (Loksabha News) में विभिन्न चर्चाओं में भाग न ले पाने वाले सांसदों को अब संबंधित मंत्री के जवाब से पहले अपने भाषण की ‘साफ्ट कॉपी’ टेबल ऑफिस को मेल पर भेजनी होगी तथा यह ध्यान रखना होगा कि इसमें असंसदीय या अपमानजनक शब्दों अथवा अभिव्यक्तियों का इस्तेमाल न किया गया हो.

‘‘सभा पटल पर भाषण रखने के संबंध में प्रक्रिया’’ शीर्षक से लोकसभा सचिवालय की ओर से 14 जुलाई को जारी बुलेटिन में यह बात कही गई है.

इसमें कहा गया है कि समयाभाव के कारण अध्यक्षीय पीठ से कई बार निर्देश दिया जाता है कि सदन में विभिन्न चर्चाओं में भाग न ले पाने वाले सदस्य अपना लिखित भाषण सभापटल पर रखें. फलस्वरूप, आसन के निर्देश के अनुपालन में ऐसे सदस्य संबंधित मंत्री के उत्तर से पहले अपने भाषण की ‘हार्ड कॉपी’ पटल पर रखा करते हैं.

बुलेटिन के अनुसार, ‘‘(अब) यह जरूरी महसूस किया गया है कि सदस्यों द्वारा सभापटल पर रखे जाने वाले प्रस्तावित भाषणों को मंत्री के जवाब से पहले लोकसभा के टेबल आफिस को ई-मेल पर भेजा जाना चाहिए.’’

साफ्ट कॉपी’ एमएस वर्ड प्रारूप में ही तैयार की जाएं

इसमें सदस्यों को यह ध्यान में रखने को कहा गया है कि ‘‘भाषणों की ‘साफ्ट कॉपी’ एमएस वर्ड प्रारूप में ही तैयार की जाएं. इसमें अनुलग्नक, बुलेट प्वाइंट एवं अन्य दस्तावेज संलग्न न हों तथा असंसदीय या अपमानजनक शब्दों अथवा अभिव्यक्तियों का इस्तेमाल न किया गया हो.’’

बुलेटिन के जरिये सदस्यों को यह बताया गया है कि हिन्दी भाषणों को निर्बाध शामिल करने के लिए लोकसभा की वेबसाइट के ‘सदस्य पोर्टल’ पर एक लिंक प्रदान किया गया है, जिसमें संबंधित फॉण्ट एवं टाइपिंग टूल उपलब्ध हैं. सदस्य सभा पटल पर भाषण रखने के लिए इनका उपयोग कर सकते हैं.

हार्ड कॉपी’ भी वैकल्पिक रूप से जमा कर सकते हैं

सदस्यों को अवगत कराया गया है, ‘‘चूंकि यह एक नई प्रक्रिया है, इसलिए सांसद कुछ समय के लिए अपने भाषणों की ‘हार्ड कॉपी’ भी वैकल्पिक रूप से सभापटल पर रख सकते हैं. फिर भी कोशिश यह की जानी चाहिए कि ‘हार्ड कॉपी’ कम से कम रखी जाए.’’

बुलेटिन में स्पष्ट किया गया है कि जो सदस्य पहले ही अपनी बात रख चुके हैं, उन्हें अपने भाषणों की प्रतियां रखने की जरूरत नहीं है.

इस बीच, लोकसभा सचिवालय के समिति समन्वय शाखा के 12 जुलाई के एक परिपत्र में कहा गया है कि 17वीं लोकसभा के नौंवे सत्र के दौरान संसदीय समितियों की बैठकों की रिपोर्ट तैयार करने को लेकर एक नई पहल शुरू की गई है. इसके तहत शब्दश: रिपोर्टिंग सेवा के रिपोर्टर संसदीय समितियों की बैठकों में उपस्थित होने की बजाय ऑडियो रिकार्डिंग का इस्तेमाल करेंगे, जो उन्हें पेन ड्राइव के माध्यम से उपलब्ध कराया जायेगा.

Tags: Lok sabha, Parliament

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