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नई दिल्ली. केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानून के बाद भाजपा का साथ छोड़कर अलग हुए शिरोमणि अकाली दल को अब एक बार फिर अपने पुराने साथी की याद आने लगी है. पंजाब विधानसभा चुनाव में सूपड़ा साफ होने के बाद आगामी लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि यह दोनों पुराने साथी दल एक बार फिर साथ आ जाएंगे. शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता महेशइंद्र सिंह ग्रेवाल का कहना है कि राजनीति में मुमकिन शब्द मौजूद है लेकिन कुछ मुद्दे हैं, जिनका हल निकालना होगा.
पार्टी के वरिष्ठ नेता महेशइंद्र सिंह ग्रेवाल ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल ने भाजपा का उस वक्त साथ दिया था, जब उसके साथ पुरानी साथी शिवसेना ही थी. भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने सभी सहयोगी दलों को साथ लेकर एनडीए की सरकार चलाई. लेकिन मोदी साहिब ने फैसले लेते वक्त उन्हें शामिल नहीं किया.
इस मुद्दे पर फंसा है पेच
नेता महेशइंद्र सिंह ग्रेवाल ने आगे कहा, “कृषि कानूनों को चाहे भाजपा की केंद्र सरकार ने वापस ले लिया था, लेकिन हरियाणा में अलग गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की स्थापना के अलावा, देश की अलग-अलग जेलों में बंद बंदी सिखों की रिहाई का गंभीर मुद्दा है. जिसे लेकर हल निकाला जाना होगा. हालांकि राजनीति में कुछ भी नामुमकिन नहीं है.” बीते पंजाब विधानसभा चुनाव और हाल ही में जालन्धर लोकसभा उप चुनाव में दोनों पार्टियों को हुए नुकसान के संबंध में, ग्रेवाल ने स्वीकार किया कि अकाली-भाजपा अगर साथ होते तो दोनों को फायदा होता.
‘Situation in Punjab is a result of AAP vs BJP..’-SGPC General Secretary Gurcharan Singh Grewal#ANIPodcastwithSmitaPrakash #Punjab #Podcast
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— ANI (@ANI) June 6, 2023
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Tags: 2024 Lok Sabha Elections, Aam aadmi party, BJP, Shiromani Akali Dal
FIRST PUBLISHED : June 06, 2023, 16:58 IST
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