ज्यादा सर्दी या गर्मी से भी हो सकती है हार्ट के मरीजों की मौत ! नई स्टडी में हुआ खुलासा

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हाइलाइट्स

ज्यादा सर्दी या गर्मी की वजह से कार्डियोवैस्कुलर डिजीज के पेशेंट्स की जान जा सकती है.
नई रिसर्च में पता चला है कि ग्लोबल वॉर्मिंग और क्लाइमेट चेंज से मौत का खतरा बढ़ रहा है.

Weather Linked To Cardiovascular Deaths: मौसम का मिजाज बदलने से लोगों की जिंदगी काफी हद तक प्रभावित होती है. जब मौसम अत्यधिक ठंडा या बेहद गर्म हो जाए, तब यह आपके लिए जानलेवा भी साबित हो सकता है. सुनकर आप चौंक रहे होंगे, लेकिन एक नई स्टडी में बड़ा खुलासा हुआ है. इसमें पता चला है कि एक्सट्रीम वेदर (Extreme Weather) हार्ट और अन्य कार्डियोवैस्कुलर डिजीज से जूझ रहे लोगों की मौत की वजह बन सकता है. मौसम में बदलाव होने से कई तरह के इंफेक्शन का खतरा भी कई गुना बढ़ जाता है. आज आपको बताएंगे कि नई रिसर्च में कार्डियोवैस्कुलर डिजीज और मौसम के कनेक्शन को लेकर कौन सी बड़ी बातें सामने आई हैं.

ऐसे लोगों के लिए जानलेवा हो सकता है मौसम !

ANI की रिपोर्ट के मुताबिक एक नई रिसर्च में पता चला है कि अत्यधिक ठंडा या हद से ज्यादा गर्म मौसम कार्डियोवैस्कुलर डिजीज से जूझ रहे लोगों में मौत का खतरा बढ़ा देता है. यह रिसर्च अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के जर्नल ‘सर्कुलेशन’ में प्रकाशित हुई है. जानकारों की मानें तो ज्यादा ठंडे मौसम में हार्ट की धमनियां (Arteries) सिकुड़ जाती हैं और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है. एक्सट्रीम वेदर की वजह से स्ट्रोक और हार्ट फेलियर समेत कई गंभीर दिक्कतें हो सकती हैं, जो मौत की वजह बनती हैं. ऐसे मौसम में लोगों को हार्ट का खास ख्याल रखना चाहिए.

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उत्तर प्रदेश

3.20 करोड़ लोगों के डाटा का किया एनालिसिस

इस रिसर्च में शोधकर्ताओं ने 1979 से 2019 तक 5 महाद्वीप के 27 देशों में हुई कार्डियोवैस्कुलर मौतों के डाटा का एनालिसिस किया है. करीब 3.20 करोड़ (32 मिलियन) लोगों के डाटा के आधार पर यह रिसर्च रिपोर्ट तैयार की गई है. इसमें यह भी पता चला है कि ग्लोबल वॉर्मिंग और क्लाइमेट चेंज का लोगों की हेल्थ पर बुरा असर पड़ रहा है. इसकी वजह से ही मौसम में अत्यधिक बदलाव हो रहा है और तापमान में तेजी से बदलाव आ रहा है.शोधकर्ताओं का कहना है कि दुनियाभर में अत्यधिक कम या ज्यादा टेंपरेचर हार्ट डिजीज के मरीजों की मौत की बड़ी वजह बन रहा है.

तापमान की वजह से जा रही इतने लोगों की मौत

इस रिसर्च में बताया गया है कि ज्यादा गर्म तापमान की वजह से दुनियाभर में कार्डियोवैस्कुलर पेशेंट्स की हर 10 हजार मौतों पर 22 लोगों की अतिरिक्त मौत हो रही हैं. जबकि बेहद कम तापमान की वजह से 91 अतिरिक्त लोगों की मौत हो रही हैं. शोधकर्ताओं का कहना है कि ऐसे लोगों को मौत से बचने के लिए अतिरिक्त ठंडे या बेहद गर्म तापमान में नहीं रहना चाहिए. ऐसे लोगों को एक्सट्रीम वेदर में अपना खास ख्याल रखना चाहिए.

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Tags: Health, Heart Disease, Lifestyle, Trending news

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