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हाइलाइट्स
आंध्र प्रदेश के वेमनागरी इंडलू गांव की अनोखी परंपरा
गांव के ग्रामीण नहीं पहनते जूते-चप्पल
बाहरी लोगों के लिए बनाए गए हैं सख्त नियम
आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में पाकला मंडल मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर स्थित वेमनागरी इंडलू गांव के लोग जूते पहनने से परहेज करते रहे हैं. इसके पीछे की वजह भी काफी हैरान करने वाली है. दरअसल, इस गांव के लोग अपने पूर्वजों द्वारा बनाए गए नियम और भगवान वेंकटेश्वर स्वामी के सम्मान में लंबे समय से चले आ रहे रीति-रिवाजों और परंपराओं को आज भी निभा रहे हैं. 120 परिवारों वाला यह गांव आध्यात्मिकता के साथ फला-फूला है, जहां ग्रामीण भगवान वेंकटेश्वर स्वामी की एक छोटे से पत्थर के रूप में पूजा करते रहे हैं और यहां तक कि एक मंदिर भी बनवाया है.
गांव के ग्रामीण भगवान लक्ष्मी, नरसिम्हा स्वामी और देवी गंगम्मा की पूजा करते हैं. वे बाहरी लोगों को गांव में तभी आने देंगे जब वे जूते-चप्पल गांव के बाहरी इलाके में छोड़ देते है. वे बाहरी लोगों को खुद को छूने भी नहीं देते.
गांव वालों में अनोखी मान्यता
वेंकटसुलु नाम के एक ग्रामीण ने sachhikhabar को बताया, ‘भगवान वेंकटेश्वर इस स्थान पर रहते हैं. क्या हम जूते पहन कर मंदिर में प्रवेश करते हैं? हम इस जगह को मंदिर मानते हैं और हमने जूते नहीं पहने हैं. जो लोग हमारे विश्वास को नहीं जानते, वे हमें पागल समझेंगे, उन्हें करने दो. हमें परवाह नहीं है. इतना ही नहीं जब ग्रामीण अलग-अलग स्थानों की यात्रा करते हैं तो वे न तो कुछ खाते हैं और न ही पानी पीते हैं. उनके विश्वास के अनुसार, वेंकटेश्वर स्वामी, जिन्होंने गांव को अपना स्थायी निवास बनाया था, वे ग्रामीणों का कल्याण करेंगे. ग्रामीणों का दावा है कि जब कोई गांव में अस्वस्थ हो जाता है, तो वे उसे एक निश्चित प्रकार के पत्तों से रस देकर उसका इलाज करते हैं और रोगी के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हुए भगवान वेंकटेश्वर स्वामी की पूजा करते हैं.
ग्रामीणों ने दी थी चेतावनी
वेमानगरी इंडलू के ग्रामीणों ने कोविड-19 वैक्सीन लेने से भी इनकार कर दिया था और डॉक्टरों या चिकित्सा कर्मियों को अपने गांव में प्रवेश नहीं करने दिया था. इस दौरान सबसे घातक कोरोनावायरस फैल गया और दुनिया भर में हजारों लोगों की मौत हो गई थी. उन्होंने प्रशासन को सख्त हिदायत दी कि वे अपनी सालों से चली आ रही उनकी परंपराओं और प्रथाओं की अवहेलना न करें.
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समुदाय में हर कोई शख्स चाहे वो स्कूल जाने वाले के बच्चों हो या कॉलेज के युवा सभी गांव में बनाए गए नियम का सख्ती से पालन करते हैं. हर शनिवार पूरा समुदाय विशेष अन्न प्रसादम (भोजन) का आनंद लेता है. उससे पहले भगवान वेंकटेश्वर स्वामी की विशेष पूजा की जाती है. इसके लिए सभी लोग मंदिर में इकट्ठा होते हैं.
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FIRST PUBLISHED : April 22, 2023, 05:30 IST
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