अच्छी कद काठी, सुन्दर चेहरा, फिर भी सेकेंड लीड बन लूटी वाहवाही, एक गलती ने कभी नहीं बनने दिया सुपरस्टार

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नई दिल्ली: 70 के दशक में अपनी गजब की एक्टिंग से अमिट छाप छोड़ने वाले विनोद मेहरा (Vinod Mehra) अपने करियर से ज्यादा अपनी पर्सनल लाइफ और अपने अफेयर और शादी को लेकर चर्चा में रहते थे. उनका व्यक्तिगत जीवन काफी सुर्खियों में रहा. अपनी दमदार परफॉर्मेंस के बावजूद वह फिल्मों में सेकेंड लीड रोल में ही नजर आते थे. लेकिन ऐसा भी नहीं था कि कभी उन्हें लीड रोल वाली फिल्में ऑफर नहीं होती, होती तो भी या फिल्म में उनका किरदार बदल दिया गया या फिर वह लीड होते हुए भी साइड रोल में ही नजर आए.

अपने एक्टिंग करियर में विनोद मेहरा ने अमर प्रेम, घर, जानी दुश्मन, नौकर बीवी का जैसी करीब 100 से ज्यादा फिल्मों में काम किया. विनोद मेहरा बेहद हैंडसम और टैलेंटेड एक्टर थे, लेकिन अफसोस इनकी निजी जिंदगी 3 नाकाम शादियों, 2 एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर और रेखा से शादी की अफवाहों को लेकर ही सुर्खियों में छाई रही. कई रिपोर्ट्स की मानें तो विनोद रेखा को शादी कर घर ले गए थे, लेकिन उनकी मां ने ये शादी कबूल नहीं की और रेखा को तुरंत घर से निकाल दिया था. फिल्मी करियर में भी वह अक्सर साइड रोल में ही नजर आते थे. अच्छे अभिनेता होने के बाद भी वह हमेशा सेकेंड लीड बनकर ही रह गए. कभी अपनी सॉलो फिल्म से वह सुपरस्टार नहीं बन पाए.

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यूं हुई थी करियर की शुरुआत
साल 1965 में यूनाइटेड निर्माताओं और फिल्मफेयर ने मिलकर एक टैलेंट सर्च प्रोग्राम का आयोजित किया था. इस टैलेंट हंट प्रोग्राम में दस हजार से ज्यादा लोगों ने भाग लिया था. उस जमाने के मशहूर निर्देशकों जैसे बिमल रॉय, बीआर चोपड़ा, नासिर हुसैन, जीपी सिप्पी, ओम प्रकाश मेहरा और शक्ति सामंत ने इस टैलेंट सर्च प्रोग्राम को जज किया था. ये प्रतियोगिता इतनी बड़ी थी कि जो भी इस प्रतियोगिता को जीता उसे जज बने उन सभी निर्देशकों की एक-एक फिल्म करने का मौका मिला और साथ ही 12 फिल्मों का कॉन्ट्रैक्ट भी. इसी प्रतियोगिता में भाग लेकर उन्हें फिल्मी दुनिया में चांस मिला था.

इसलिए कभी नहीं बन पाए सुपरस्टार
विनोद मेहरा को फिल्म में जो भी रोल मिला, उन्होंने अपने हर किरदार के साथ न्याय किया. फिल्म में उनका रोल छोटा होता था या बड़ा लेकिन वह अपना बेस्ट दिया करते थे. अपने एक्टिंग करियर में वह ज्यादातर साइड रोल में ही नजर आए. कई फिल्मों में तो उन्होंने ऐसे किरदार निभाए जो साइड रोल होते हुए भी लीड रोल पर भारी पड़ते नजर आते थे. कहा जाता है कि विनोद मेहरा काफी सीधे सादे इंसान थे. वह अपने दिल की बात अपने साथ वालों और अपने दोस्तों को बता दिया करते थे. कई बार उन्हें फिल्मों में अच्छे रोल मिल जाते थे तो वह किसी ना किसी को बता ही देते हैं कि अगली फिल्म ये कर रहा हूं कई बार ऐसा हुआ जब उनकी फिल्में किसी और को मिल जाती थी. अपने मन की बात विनोद हर किसी से कर लिया करते थे. शायद यही वजह रही कि उनके बनते बनते काम बिगड़ जाते थे और वह हमेशा साइड रोल में ही नजर आकर रह गए. कभी सुपरस्टार नहीं बन पाए.

बता दें कि विनोद मेहरा ने अपनी जिंदगी में 4 शादियां की थी. लेकिन फिर भी वह तन्हा ही रहे. उनकी लव लाइफ अक्सर सुर्खियों में छाई रही. विनोद मेहरा फिल्म जगत का एक ऐसा चमकता सितारा थे. हिंदी फिल्म जगत में अपनी दमदार परफॉर्मेंस से अपनी धाक जमा रखी थी. लेकिन दूसरे नंबर ने कभी विनोद मेहरा का पीछा नहीं छोड़ा. यहां तक की दूसरी बार दिल का दौरा पड़ने के बाद विनोद मेहरा ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था और इस तरह एक इंडस्ट्री का चमकता सितार हमेशा के लिए डूब गया.

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