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ज़िंदगी कटने लगी, एक रोज उनसे किसी ने पूछा अब तो तुम्हें ऐसे ही रहना होगा, अब क्या करोगे ? तब उनके दोस्त ने हिम्मत बंधाते हुए कहा, कंधे के करीब बाजू का जो हिस्सा बचा है, उसमें कलम बांधते हैं, लिखना शुरू करो. दोस्त के कहे मुताबिक लिखने की कोशिश शुरू की. परेशानियां आईं, थकान हुई लेकिन सब पार करते गए.