नई दिल्ली. ओडिशा के चीफ जस्टिस एस मुरलीधर (Justice S Muralidhar) की मद्रास हाई कोर्ट में ट्रांसफर की सिफारिश सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने वापस ले ली है. इसके पहले केंद्र सरकार ने 6 महीनों तक सिफारिश पर कोई फैसला नहीं लिया था. भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम ने यह सिफारिश 19 अप्रैल को वापस ली. दरअसल जस्टिस मुरलीधर 7 अगस्त 2023 को अपने पद से रिटायर हो जाएंगे, ऐसे में उनकी सेवा के केवल 4 महीने ही शेष हैं, इसके मद्देनजर कॉलेजियम ने ट्रांसफर की सिफारिश वापस ले ली.
जस्टिस एस मुरलीधर ने चेन्नई से अपना कॅरियर एक वकील के तौर पर शुरू किया था और उन्होंने 1984 से प्रैक्टिस शुरू की. इसके बाद 2006 में उन्हें दिल्ली हाई कोर्ट में जज बनाया गया. उन्होंने कई अहम फैसले सुनाए और कई पीठ के अध्यक्ष भी रहे. कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को सिख दंगों के मामले में दोषी ठहराने वाली बेंच की अध्यक्षता भी उन्होंने की थी.
बीजेपी नेताओं पर कार्रवाई के लिए पुलिस को दिए थे आदेश
जस्टिस मुरलीधर ने दिल्ली दंगों में भड़काऊ भाषण के लिए भाजपा नेताओं पर कार्रवाई के लिए पुलिस को आदेश दे दिया था. एक रिपोर्ट के मुताबिक उस समय वे दिल्ली दंगों के मामले की आपात सुनवाई कर रहे थे. उन्होंने हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस को भी फटकार लगाई थी. इसके घटनाक्रम के दूसरे दिन उनका ट्रांसफर 6 मार्च 2020 को उनके पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में जज के रूप में कर दिया गया था. इसके बाद 4 जनवरी 2021 को उन्हें उड़ीसा हाई कोर्ट का जज बनाया गया था.
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Tags: Chief Justice of India, Collegium, Supreme Court, सुप्रीम कोर्ट
FIRST PUBLISHED : April 21, 2023, 23:39 IST